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शाहजहांपुर में बिल्डर्स डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट के संचालकों ने रिसॉर्ट के नाम पर की करोड़ों की ठगी

कंपनी निदेशक राजकिशोर मोदी, सिद्धार्थ, संजय पसारी, अमरनाथ श्रोफ औऱ सुजाता मोदी पर एफआईआर दर्ज
शाहजहांपुर (अलवर)। रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी कंपनियां लोगों को सब्जबाग दिखाकर राजस्थान में करोड़ों रुपए की ठगी कर रही हैं। ऐसी ही एक कंपनी है कि बिल्डर डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड। इसके डायरेक्टर्स ने जयपुर-दिल्ली रोड स्थित शाहजहांपुर नीमराणा में रिसॉर्ट के नाम पर सब्जबाग दिखाकर राजस्थान के कई लोगों से 3 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि ठग ली।
पीड़ितों की ओर से अब कंपनी के निदेशक राजकिशोर मोदी, सिद्धार्थ, संजय पसारी, अमरनाथ श्रोफ और सुजाता मोदी के खिलाफ शाहजहांपुर थाने में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और ब्रीच ऑफ ट्रस्ट की एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस कंपनी के दो डायरेक्टर राजकिशोर मोदी, सुजाता मोदी और संजय पसारी कोलकाता में रहते हैं।
बता दें कि राजकिशोर मोदी जमीनें हड़पने, अवैध हथियार, गोला-बारुद रखने, आग लगाने के आरोप में कोलकाता में पहले जेल जा चुका है। उसके बाद कई केंद्रीय और राज्य नेताओं ने भी राजकिशोर मोदी की कई फ्रॉड कंपनियों में निवेश कराने को लेकर गिरफ्तारी की मांग की थी।
राजस्थान के शाहजहांपुर में दर्ज एफआईआर के मुताबिक बिल्डर कंपनी के लोगों ने वर्ष 2013 में जयपुर, दिल्ली और अलवर के लोगों से फोन पर संपर्क कर और टीवी पर विज्ञापन देकर नीमराना में बन रहे रिसॉर्ट प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा की। उन्हें सस्ती दरों पर प्लॉट आवंटन का भरोसा दिलाया।
उन्होंने पीड़ितों को बताया कि यह प्रोजेक्ट नगर विकास न्यास (यूआईटी) से अनुमोदित है। सारा काम नियमानुसार और कानूनी रुप से किया जा रहा है। कंपनी यहां बड़ा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट भी लेकर आ रही है। उन्होंने पीड़ितों को 9 सितंबर, 2010 को जारी धारा 90बी के आदेश की कॉपी भी उपलब्ध कराई। प्रोजेक्ट का मौका देखने के बाद पीड़ित इनके झांसे में आ गए।
इस पर जब पीड़ितों ने उन्हें नीमराणा प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने को कहा तो कंपनी निदेशक राजकिशोर मोदी ने चेक के बजाय नकद भुगतान मांगा। कहा कि उन्हें इस वक्त पैसों की सख्त जरूरत है। उन्होंने यह कहते हुए भरोसा दिलाया कि कंपनी किसी तरह का फ्रॉड नहीं कर रही है। उसका कोलकाता में भी वैदिक विलेज नाम से मशहूर रिसॉर्ट है। पीड़ित चाहें तो वहां जाकर देख सकते हैं।
इस पर पीड़ितों ने जब कोलकाता जाकर वैदिक विलेज रिसॉर्ट विजिट किया तो उन्हें सब कुछ सही लगा। इस पर कंपनी निदेशक राजकिशोर मोदी और उनके जयपुर में मार्केटिंग प्रतिनिधि सिद्धार्थ ने इन सब पीड़ितों से अलग-अलग रुपए ले लिए।
यूआईटी से पट्टे दिलवाने में करते रहे टालमटोलः
पीड़ितों के मुताबिक पैसे लेने के बाद राजकिशोर मोदी कोलकाता भाग गया। वे उनसे लगातार फोन पर यूआईटी से प्लॉट्स के पट्टे दिलाए जाने की मांग करते रहे। लेकिन, सिद्धार्थ और राजकिशोर मोदी दोनों टालमटोल करते रहे। बाद में उनके जयपुर स्थित मार्केटिंग प्रतिनिधि सिद्धार्थ से पता चला कि राजकिशोर मोदी पैसे लेकर फरार हो गया है।
इस पर पीड़ित जब कोलकाता पहुंचे तो उनकी वहां राजकिशोर मोदी और उनकी पत्नी सुजाता मोदी मिले। दोनों ने उन्हें फिर भरोसा दिलाया कि वे अपने प्लॉट पर निर्माण शुरू करें उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन, जैसे ही पीड़ितों ने शाहजहांपुर में अपने प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू करना चाहा तो गार्ड ने बिल्डिंग मैटेरियल के ट्रक अंदर घुसने से रोक दिए। बोला- उसे संजय पसारी ने मना किया है। वही इसके मालिक हैं।
पीड़ितों ने जब राजकिशोर मोदी से बात की तो उसने कहा कि वह अब कंपनी में डायरेक्टर नहीं है। उसने उन्हें कोलकाता बुलाया और नए निदेशक संजय पसारी से मिलवाने को कहा। पीड़ित जब कोलकाता पहुंचे तो वहां संजय पसारी ने कहा कि राजकिशोर मोदी ने पीड़ितों से लिए पैसे कंपनी में जमा नहीं कराए। जबकि राजकिशोर मोदी कहने लगा कि उसने सारा हिसाब दे दिया है। इस तरह कंपनी डाय़रेक्टर्स ने मिलकर राजस्थान के कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
शाहजहांपुर (अलवर)। रियल एस्टेट सेक्टर की बड़ी कंपनियां लोगों को सब्जबाग दिखाकर राजस्थान में करोड़ों रुपए की ठगी कर रही हैं। ऐसी ही एक कंपनी है कि बिल्डर डायमंड संजीवनी प्रोजेक्ट प्रा. लिमिटेड। इसके डायरेक्टर्स ने जयपुर-दिल्ली रोड स्थित शाहजहांपुर नीमराणा में रिसॉर्ट के नाम पर सब्जबाग दिखाकर राजस्थान के कई लोगों से 3 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि ठग ली।
पीड़ितों की ओर से अब कंपनी के निदेशक राजकिशोर मोदी, सिद्धार्थ, संजय पसारी, अमरनाथ श्रोफ और सुजाता मोदी के खिलाफ शाहजहांपुर थाने में आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी और ब्रीच ऑफ ट्रस्ट की एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस कंपनी के दो डायरेक्टर राजकिशोर मोदी, सुजाता मोदी और संजय पसारी कोलकाता में रहते हैं।
बता दें कि राजकिशोर मोदी जमीनें हड़पने, अवैध हथियार, गोला-बारुद रखने, आग लगाने के आरोप में कोलकाता में पहले जेल जा चुका है। उसके बाद कई केंद्रीय और राज्य नेताओं ने भी राजकिशोर मोदी की कई फ्रॉड कंपनियों में निवेश कराने को लेकर गिरफ्तारी की मांग की थी।
राजस्थान के शाहजहांपुर में दर्ज एफआईआर के मुताबिक बिल्डर कंपनी के लोगों ने वर्ष 2013 में जयपुर, दिल्ली और अलवर के लोगों से फोन पर संपर्क कर और टीवी पर विज्ञापन देकर नीमराना में बन रहे रिसॉर्ट प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा की। उन्हें सस्ती दरों पर प्लॉट आवंटन का भरोसा दिलाया।
उन्होंने पीड़ितों को बताया कि यह प्रोजेक्ट नगर विकास न्यास (यूआईटी) से अनुमोदित है। सारा काम नियमानुसार और कानूनी रुप से किया जा रहा है। कंपनी यहां बड़ा ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट भी लेकर आ रही है। उन्होंने पीड़ितों को 9 सितंबर, 2010 को जारी धारा 90बी के आदेश की कॉपी भी उपलब्ध कराई। प्रोजेक्ट का मौका देखने के बाद पीड़ित इनके झांसे में आ गए।
इस पर जब पीड़ितों ने उन्हें नीमराणा प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने को कहा तो कंपनी निदेशक राजकिशोर मोदी ने चेक के बजाय नकद भुगतान मांगा। कहा कि उन्हें इस वक्त पैसों की सख्त जरूरत है। उन्होंने यह कहते हुए भरोसा दिलाया कि कंपनी किसी तरह का फ्रॉड नहीं कर रही है। उसका कोलकाता में भी वैदिक विलेज नाम से मशहूर रिसॉर्ट है। पीड़ित चाहें तो वहां जाकर देख सकते हैं।
इस पर पीड़ितों ने जब कोलकाता जाकर वैदिक विलेज रिसॉर्ट विजिट किया तो उन्हें सब कुछ सही लगा। इस पर कंपनी निदेशक राजकिशोर मोदी और उनके जयपुर में मार्केटिंग प्रतिनिधि सिद्धार्थ ने इन सब पीड़ितों से अलग-अलग रुपए ले लिए।
यूआईटी से पट्टे दिलवाने में करते रहे टालमटोलः
पीड़ितों के मुताबिक पैसे लेने के बाद राजकिशोर मोदी कोलकाता भाग गया। वे उनसे लगातार फोन पर यूआईटी से प्लॉट्स के पट्टे दिलाए जाने की मांग करते रहे। लेकिन, सिद्धार्थ और राजकिशोर मोदी दोनों टालमटोल करते रहे। बाद में उनके जयपुर स्थित मार्केटिंग प्रतिनिधि सिद्धार्थ से पता चला कि राजकिशोर मोदी पैसे लेकर फरार हो गया है।
इस पर पीड़ित जब कोलकाता पहुंचे तो उनकी वहां राजकिशोर मोदी और उनकी पत्नी सुजाता मोदी मिले। दोनों ने उन्हें फिर भरोसा दिलाया कि वे अपने प्लॉट पर निर्माण शुरू करें उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी। लेकिन, जैसे ही पीड़ितों ने शाहजहांपुर में अपने प्लॉट पर निर्माण कार्य शुरू करना चाहा तो गार्ड ने बिल्डिंग मैटेरियल के ट्रक अंदर घुसने से रोक दिए। बोला- उसे संजय पसारी ने मना किया है। वही इसके मालिक हैं।
पीड़ितों ने जब राजकिशोर मोदी से बात की तो उसने कहा कि वह अब कंपनी में डायरेक्टर नहीं है। उसने उन्हें कोलकाता बुलाया और नए निदेशक संजय पसारी से मिलवाने को कहा। पीड़ित जब कोलकाता पहुंचे तो वहां संजय पसारी ने कहा कि राजकिशोर मोदी ने पीड़ितों से लिए पैसे कंपनी में जमा नहीं कराए। जबकि राजकिशोर मोदी कहने लगा कि उसने सारा हिसाब दे दिया है। इस तरह कंपनी डाय़रेक्टर्स ने मिलकर राजस्थान के कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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