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सपा प्रमुख को संत परंपरा में सांप्रदायिकता दिखती है, दंगाइयों में शांति दूत नजर आते हैं : सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि सपा को सामाजिक न्याय के पुरोधाओं के स्मारक अच्छे नहीं लगते थे। वे इन्हें तोड़ने की बात करती थी। समाजवादी पार्टी ने सत्ता में आते ही सामाजिक न्याय व दलित उत्थान से जुड़े महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों को समाप्त करने की घोषणा की थी। समाजवादी पार्टी ने 2012 में सत्ता में आते ही प्रदेश में एक जनपद, एक माफिया पैदा करके अराजकता फैलाना प्रारंभ कर दिया था। यह लोग नौजवानों के रोजगार पर डकैती और बेटी की सुरक्षा पर सेंध लगाते थे। उस समय इनके नेता कहते थे कि लड़के हैं, गलती कर देते हैं।
उन्होंने कहा कि जिस समाजवादी आंदोलन को डॉ. राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, जनेश्वर मिश्र, मोहन सिंह जैसे चिंतकों ने ऊंचाई दी थी, वह सपा आज गुंडे, पेशेवर माफिया व अपराधियों का जमावड़ा बन गई है। 2017 के पहले भी लोग कहते थे कि देख सपाई, बिटिया घबराई। यह भी कहते थे कि जिस गाड़ी में सपा का झंडा, देखो होगा सपा का गुंडा। यह लोग गरीबों को लूट रहे थे। राशन, मकान, शौचालय, राहत कार्य, विकास, रोजगार नहीं मिल रहा था। डबल इंजन सरकार को आपने समर्थन दिया तो प्रदेश में गरीब उत्थान के अनेक कार्य हुए।
--आईएएनएस
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