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स्वर्ण कला में पारंगत थे महाराजा अजमीढ़, उनके आदर्शों को अपनाकर परिवारों को जोड़ने का काम करेंः जोगेन्द्र वर्मा

समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध समाज सेवी दिल्ली के अनिल कुमार वर्मा, महेन्द्रगढ़ विधायक कंवरसिंह यादव, पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के भाई सहकारी बैंक के चेयरमैन राजकुमार शर्मा, राष्ट्र परिषद भाजपा के सदस्य शंकरलाल धूपड़, अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के मुख्य संरक्षक बहादुरसिंह वर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयपाल लाम्बा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार लाम्बा एवं स्वर्णकार सेवा संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जोगेन्द्र वर्मा, लोक सम्पर्क विभाग हरियाणा के रिटायर्ड डीआईपीआरओ सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ ने भी विशेष रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम में शिक्षा, मेडीकल, खेल व अन्य क्षेत्रों में सोनी समाज के सैकडो़ प्रतिभावान विद्यार्थियों व उत्कृष्ट प्रतिभाओं के साथ समाज हितैषी उल्लेखनीय सेवाओं एवं कार्यों के लिए समाज सेवियों व महान विभूतियों को भी सम्मानित किया गया। इनमें भव्या, पारूल, सोनाक्षी, जीविका, भावना, लक्ष्मी, रविन्द्र, शुभम, मुस्कान, निधि, महिमा, दिव्या, डा निशा, डा काजल, मनीषा, पंकज, दीपक, यशिका, प्राची, मोना, अंकुर, अतुल, पिंकी, लोक सम्पर्क विभाग के रिटायर्ड डीआईपीआरओ सुरेन्द्र वर्मा एवं रिटायर्ड अधीक्षक पूर्णमल वर्मा, प्रवीण, सुरेन्द्र बंटी, दिनेश उर्फ धूपा जुलाना, डा विजेन्द्र सिंह सोनी व निर्माणाधीन सोनी धर्मशाला के फाऊंडर व अन्य दानी सज्जन भी शामिल हैं।
अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयपालसिंह लाम्बा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार लाम्बा महम,प्रदेश महामंत्री गुरदीप चड्ढा, लोक सम्पर्क अधिकारी रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ व रिटायर्ड अधीक्षक पूर्णमल वर्मा महेन्द्रगढ़, मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के प्रधान डा सुभाषचंद वर्मा झज्जर, पथ प्रदर्शक कैलाशचंद सोनी, रिटायर्ड प्रिंसीपल राजकुमार वर्मा, सुरेन्द्र वर्मा देवराला, रणबीरसिंह, संजीव कुमार, दिनेश उर्फ धूपा जुलाना, देवसिंह, मनोज, सचिव रमेश, प्रवक्ता राजू सोनी, नरेश कुमार सोनी, भीमसिंह लाम्बा, दर्शन, प्रवीण, डा शुभम सोनी, मोहन, मंयक, सुरेन्द्र मदीना, जगदीश, डा योगेन्द्र सोनी, रविशंकर, अमरसिंह, प्रदीप, रोहताश, दयानन्द सोनी व अन्य महानुभावों ने भी शिरकत की। सांसद धर्मबीरसिंह ने महाराजा अजमीढ़ के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन व वंदन किया।
उन्होंने स्वर्ण कला को सर्वोच्च माना और स्वर्णकार बंधुओं से अपील की कि वे समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने में अग्रणी भूमिका निभायें तभी समाज व देश आगे बढे़गा। उन्होंने कहा कि हम सब को अजमीढ जी महाराज के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है और उनके आदर्शों को अपनाकर ही अपना जीवन सुखमय व खुशहाल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि महाराजा अजमीढ़ ने हमेशा पारिवारिक सामजस्य स्थापित करते हुए आपसी भाईचारा, सदभाव, दीनदु:खियों की सहायता, सहयोग के साथ-साथ स्वर्ण कला को जीवित रखने के लिए दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
उन्होंने कहा कि देश हित एवं राष्ट्रीयता के लिए बीजेपी सर्वश्रेष्ठ पार्टी है और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। महेन्द्रगढ़ विधायक कंवरसिंह यादव एवं अन्य वक्ताओं विशिष्ट अतिथियों ने भी स्वर्णकार बंधुओं को महाराजा अजमीढ़ के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी ताकि स्वर्णिम युग का निर्माण किया जा सके और हमारा समाज,देश व प्रदेश दिन दुगनी रात चौगुनी प्रगति कर सके।
अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ के मुख्य संरक्षक बहादुरसिंह वर्मा, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जयपाल लाम्बा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजकुमार लाम्बा एवं सेवा संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष जोगेन्द्र वर्मा, भिवानी बीजेपी के पूर्व जिला प्रधान शंकरलाल धूपड़ व अन्य वक्ताओं ने सदा विजयते मूलमंत्र के साथ समृद्ध समाज-विकसित समाज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि संगठन में बडी़ शक्ति होती है इसलिए स्वर्णकार सेवा संघ हरियाणा के तत्वावधान में संगठन एवं आपसी भाईचारे को मजबूत बनाना अति आवश्यक है। संस्कारों के कारण टुट रहे परिवारों पर गहरी चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि हम सब परिवारों में सामजस्य स्थापित करें और परिवारों को जोड़ने का कार्य करें।
उन्होंने कहा कि समाज का साथ होगा तभी समाज का विकास होगा और एक मंच के नीचे मजबूत संगठन से ही वर्षों से उपेक्षित सोनी समाज को अपने हक प्राप्त हों सकेंगें। स्वर्णकार संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं महेन्द्रगढ़ प्रधान लखीराम सोनी, डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा कोथ एवं मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज झज्जर के प्रधान डा सुभाषचंद वर्मा ने कहा कि शिक्षा शेरनी का वो दूध है जो पिएगा वही दहाडे़गा। महाराजा अजमीढ़ जी को याद करते हुए उन्होंने सोनी समाज के लोगों से अपील कि कि वे अपने बच्चों को शिक्षित व संस्कारवान बनायें और संगठित होकर संघर्ष करें तभी कामयाबी मिलेगी और लक्ष्य की प्राप्ति सम्भव हो सकेगी।
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