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कोंच : कीचड़, मलबा और सीवर की गंदगी...पानी घटने के बाद भी चुनौतियां बरकरार
आपको बता दें मलंगा नाले से नगर के मुहल्ला गांधीनगर, गोखलेनगर और मालवीय नगर सहित आराजीलेन में बाढ़ आयी थी। करीब 8 दिन बाद बाढ़ का पानी लगभग उतर सा चुका है। लेकिन, अब हालात बाढ़ के दिनों से भी ख़राब नजर आ रहे हैं। इन इलाकों में आम रास्तों में कीचड़ m के बीच कूड़ा कचरा जमा हो गया है जिससे दुर्गंध फैली हुई है। खाली पड़े प्लाटों में जो पानी भरा हुआ है उसके ऊपर कीट जम गयी है। गंदगी के बीच लोगों को दुर्गंध के बीच रहना पड़ रहा है।
इन इलाकों में मच्छरों की भी बाढ़ आ गयी है जिससे अब संक्रामक रोगो का खतरा इन इलाकों में बढ़ गया है। रास्तों में तो इतनी गंदगी व्याप्त हो गयी है कि आसानी से लोग रास्तों से निकल भी नहीं सकते हैं।
गांधीनगर में मरई माता मंदिर के समीप स्थित गली में रहने वाले हरदास, रामहरी, नंदराम, कमलाप्रसाद, कलावती, मुन्ना परदेशी, गोखले नगर में रामलला मंदिर के समीप गली में रहने वाले खेमचंद्र, सुंदर कुशवाहा, मायाराम, प्रकाश वर्मा आदि ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि गंदगी और दुर्गंध के बीच रहना मुश्किल सा होता जा रहा है।
नगर पालिका कार्यालय में शिकायत किए जाने के बाद भी साफ़ सफ़ाई अभियान अभी तक शुरू नहीं हो सका है। मच्छरों के काटे जाने से बच्चों से लेकर बड़े बूढ़ों में संक्रामक रोगों का डर भी बढ़ता जा रहा है। उक्त बाशिंदों ने प्रशासन से बाढ़ग्रस्त इलाकों में नालियों से लेकर आम रास्तों में साफ़ सफ़ाई अभियान तेजी से शुरू कराकर कीटनाशक दवा का छिड़काव कराये जाने और लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु कैंप लगाए जाने की मांग की है।
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