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मेरठ के सांसद अरुण गोविल ने 'घर-घर रामायण अभियान' किया शुरू, 11 लाख ग्रंथ बांटने का संकल्प

सांसद अरुण गोविल ने 'घर-घर रामायण अभियान' की शुरुआत हापुड़ के ग्राम असौड़ा से की। उन्होंने अभियान के अंतर्गत 11 लाख रामायण बांटने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि यह कोई एक दिन का अभियान नहीं, बल्कि पांच सालों में हम 11 लाख रामायण की प्रतियां बांटेंगे। इस संकल्प को रामजी जरूर पूरा करेंगे। यह अभियान पूरी तरह आध्यात्मिक है। इसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जैसा इस अभियान का नाम 'घर-घर रामायण' है, इसे हर घर में होना चाहिए, सिर्फ होना नहीं, बल्कि पढ़ना चाहिए। पढ़ने से हमें शिक्षा मिलती है। हमें पता लगता है कि पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते कैसे होते हैं। इंसान को सबके साथ मिलकर जीवन जीना चाहिए। हमें यह सीख रामायण से मिलती है।
अरुण गोविल ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि परिवार एक छत के नीचे रहें, लेकिन उनकी सोच एक होनी चाहिए। यह आज समाज के विघटन को रोकने के लिए जरूरी है। रामायण में देखें तो भगवान के निषाद राज से कैसे संबंध थे। उन्होंने शबरी के जूठे बेर किस तरह से खाए और वानरों के साथ उनका कैसा व्यवहार था। उनकी सेना में रीछ भी थे। उनके साथ जो राम जी का व्यवहार था, वह हमारे लिए प्रेरणात्मक और जीवन जीने की कला है।
सांसद ने कहा कि रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन का आधार है। इस कार्यक्रम का मकसद है, हर घर में रामायण होनी चाहिए। इसे सभी पढ़ें और इससे शिक्षा लें। आने वाली पीढ़ी को बताएं कि किस तरह हमें आगे बढ़ना है। जो हम करते और सोचते हैं, उसका असर देश पर पड़ता है। देश को सशक्त और समर्थ बनाना है। पीएम मोदी के विजन के अनुसार 2047 तक हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि महाकुंभ मेला आस्था का सबसे बड़ा यज्ञ है। इसमें सभी को जाना चाहिए। मैं 27 फरवरी को महाकुंभ में जाऊंगा। यह मुहूर्त 144 साल बाद आया है। यह हम सभी की जिंदगी में अकेला मुहूर्त है। इसका उपयोग जरूर करना चाहिए। संगम के पवित्र जल में सभी को डुबकी जरूर लगानी चाहिए।
--आईएएनएस
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