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बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता : मुख्यमंत्री योगी
उन्होंने इंटर कॉलेज के संस्थापक स्व. देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव और उनके पूर्वज बाबू महेश्वरी प्रसाद को नमन किया। सीएम योगी ने कहा कि विद्यालय की शुरुआत जब की गई होगी, तब ये क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा होगा। मगर मन में परोपकार, जनसेवा और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते हुए उनके नाम की अमरता को बनाए रखने का सपना आज यहां पर महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडियट कॉलेज के रूप में हम सबके सामने मूर्तरूप में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों से हमें प्रेरणा मिलती है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता। विद्यालय में 2526 विद्यार्थियों में से 1353 बालिकाएं पढ रही हैं। ये बहुत ही शुभ संकेत है, क्योंकि यहां बालकों की संख्या 1173 है, यानी बेटियां एक बार फिर से यहां पर अपना स्थान बना चुकी हैं। उन्होंने प्राचीन गुरुकुलों के दीक्षांत समारोह के दौरान गुरुओं द्वारा विद्याथियों को सत्य बोलने और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा का भी उल्लेख किया। साथ ही मातृ, पितृ, आचार्य और अतिथि देवो भव: के विचार से भी अवगत कराते हुए कहा कि हमें इन सबके प्रति अंत:करण से श्रद्धा का भाव रखना चाहिए।
सीएम योगी ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जैसी देश की जानी मानी हस्तियां इस महाविद्यालय से जुड़ी हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर बच्चों के बीच अभिभावक के रूप में मौजूद रहती हैं और मार्गदर्शन करती हैं। कोई भी व्यक्ति अचानक से बड़ा नहीं होता, बल्कि इसके लिए कठिन परिश्रम, लगन और निष्ठा के साथ कार्य करना होता है।
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत कोई भी विद्यालय जो सरकार से वित्तपोषित है या सरकारी विद्यालय है उसके भवन निर्माण के लिए 75 से 90 फीसदी सहायता सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की।
--आईएएनएस
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