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पूर्व सांसद दानिश अली हाउस अरेस्ट, बरेली जाने से रोका, कहा- दमनकारी नीति अपना रही है सरकार

वहीं, दानिश अली ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि हमारा बरेली जाने का हमारा कार्यक्रम था। बरेली में सुनियोजित तरीके से लोगों का दमन किया जा रहा है। हम वहां पर पुलिस प्रशासन को यह कहने के लिए जा रहे थे कि वो लोगों का दमन नहीं करें। वहां पर बेगुनाह लोगों को परेशान किया जा रहा है। उनके घर तोड़े जा रहे हैं। यह लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। लोकतंत्र में इस तरह की व्यवस्था को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम वहां पर लोगों से शांति की अपील कर रहे हैं और वहां पर लोगों से यह भी कह रहे हैं कि वो किसी के भड़कावे में न आएं।
साथ ही, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि आप यह दमनकारी नीति को छोड़िए। नाइंसाफी और दमन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकता है। बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है। आज की तारीख में यह सरकार दमनकारी नीति के आधार पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुझे शर्म आती है कि वह मेरे प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। मैं अपने लोगों के बीच में उनका दुख बांटने जाना चाहता हूं। वहां पर लोगों के दुकान और घरों को तोड़ा जा रहा है और दुख की बात है कि वे हमारी आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मैं एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि ये लोग ज्यादा दिनों तक हमारी आवाज को नहीं दबा सकते हैं। इन लोगों ने हमें रोक लिया। हम सात-आठ लोग जाना चाहते थे। पुलिस प्रशासन ने हमें जाने नहीं दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर यह कहां का न्याय है?
उन्होंने कहा कि ये लोग ऐसा करके उत्तर प्रदेश में आमजन को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। ये सरकार पूरी तरह से अमानवीय है। यह सरकार दमनकारी सरकार है, क्योंकि इन लोगों को अब पता चल चुका है कि इनकी सरकार अब जा चुकी है। हमारे नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से वोट चोरी का मुद्दा उठाया है, उससे लोगों के बीच में एक संदेश गया है कि यह वोट चोरी करने वाली सरकार है।
पुलिस ने बताया कि बरेली में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया। हालांकि, दानिश अली ने इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा, "मुझे बिना किसी ठोस कारण के घर में कैद किया गया है। यह जनप्रतिनिधि के अधिकारों पर हमला है।"
--आईएएनएस
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