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भिवाड़ी में 12वाँ इंडिया इंडस्ट्रियल फेयर शुरू - बी2बी एग्जिबिशन में 327 स्टॉल्स पर उत्पाद प्रदर्शित

यादव ने बताया कि फॉरेस्ट एरिया में प्लांटेशन के जरिए ग्रीन क्रेडिट पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही उद्योगों में एनवायरनमेंट क्लियरेंस के लिए नई ऑडिट व्यवस्था को शुरू किया जाएगा जिससे उद्यमी निर्भीकता से अपने उद्योग चला सकेंगे। इससे इंस्पेक्टर राज से मुक्ति भी मिलेगी।उन्होंने बताया कि सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म में जिन दो स्लैब में सभी प्रोडक्ट्स को रखा, उससे खेती में काम आने वाले ट्रैक्टर 70 हजार, कार 20 हजार रुपए तक सस्ते होंगे। इसी तरह इलेट्रॉनिक्स के दैनिक उपयोग के सामान भी पहले से कम कीमत पर मिलेंगे।
यादव ने कहा कि सरकार इज ऑफ डूइंग और लीविंग बिजनेस में विश्वास करती है। उन्होंने भिवाड़ी डेवलेपमेंट ऑथोरिटी के गठन, स्वच्छ भिवाड़ी के लिए जल भराव की समस्या का भी उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 108 ई लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है जिससे 20 हजार बच्चों की कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया गया।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के उद्योगों के लिए स्किल्ड वर्क फोर्स उपलब्ध करवाने के लिए स्किल डेवलेपमेंट सेंटर के लिए सरकार ने बजट पारित किया है। इस केंद्र में लघु उद्योग भारती संगठन नोडल एजेंसी के रूप में इसका संचालन करेगा। उन्होंने कहा कि लघु उद्योग भारती नॉलेज शेयरिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग और स्किल डेवलेपमेंट से लघु उद्योगों के विकास में असीम ऊर्जा का संचार कर रहा है।
इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री प्रकाश चंद्र ने बताया कि उद्यमिता और उत्कृष्ट निर्माण परंपरा भारत की हजारों वर्षों की पहचान रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने अपने हाथों के हुनर से भारत को समृद्ध बनाया, किसी को लूटकर नहीं। जैसा गौरी, गजनी, महमूद और अंग्रेजों ने लूटने का काम किया भारत में। उन्होंने बताया कि लूटने वाले लूटते-लूटते थक गए, लेकिन भारत की समृद्धि खत्म नहीं हुई।
संगठन महामंत्री ने बताया कि अंग्रेजों के समय की पराधीनता के कारण हम पहली तीन औद्योगिक क्रांति में विशेष कुछ नहीं कर पाए, लेकिन चौथी औद्योगिक क्रांति में हमने बहुत प्रगति की।
प्रकाशचंद्र ने कहा कि अंग्रेज तो चले गए, लेकिन अभी तक अंग्रेजियत बची हुई है, उससे हमारे मौलिक भारत को बचाने की जरूरत है।उन्होंने बताया कि बदलती विश्व राजनीति और आर्थिक परिस्थितियों के कारण हमें
मिलकर काम करना होगा। कंजर्टियम बनाने होंगे, अकेले या अलग थलग पड़े रहकर आगे नहीं बढ़ सकते हमारे लघु उद्योग।
उन्होंने बताया कि जिन उत्पादों को हम आयात करते है, उसे हम यहां निर्माण करें, वोकल फॉर लोकल पर कार्य करने की जरूरत है। इसी तरह एक्सपोर्ट में प्रमोशन करने के लिए हमें गुणवत्तापरक उत्पाद बनाने होंगे।
बानसूर विधायक देवीसिंह शेखावत ने बताया कि लघु उद्योग भारती ने उद्यमियों की समस्याओं को हल करने में बड़ा योगदान किया है। उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग के लिए ये क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है।
तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ ने कहा कि इस तरह के ट्रेड फेयर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में ये आयोजन उद्योगों की गति को बढ़ाएगा।
लघु उद्योग भारती के संयुक्त राष्ट्रीय महासचिव नरेश पारीक ने जानकारी दी कि लघु उद्योग भारती संगठन बीते 31 वर्षों से लघु उद्योगों के उत्थान में कार्य कर रहा है जो देशभर में 587 जिलों में 1062 इकाइयों के साथ करीब 62 हजार सदस्य का विशाल नेटवर्क बन चुका है।
इससे पूर्व कॉर्डिनेटर एलएन गुप्ता ने आईआईएफ आयोजन के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उद्योग दर्शन प्रदर्शनी के सह संयोजक सीए आर के गुप्ता ने आभार प्रदर्शित किया।
उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम तकनीकी सत्र ओवरव्यू ऑफ वेंडर अप्रूवल सिस्टम में आरडीएसओ लखनऊ से अतुल सक्सेना और नॉर्द वेस्टर्न रेलवे के अशोक चौधरी ने रेलवे में वेंडर डेवलेपमेंट और टेंडरिंग की प्रक्रिया को समझाया।
इसी तरह एंपावरिंग एमएसएमई जीएसटी, आईपीओ एंड सब्सिडी इनसाइट्स विषयक तकनीकी सत्र में सीए योगेश गौतम, सीए यशस्वी शर्मा, सीए अर्पित मित्तल और सीए अक्षिमा यादव ने एंटरप्रेन्योर्स को उपयोगी जानकारी साझा की। इन सत्रों में लघु उद्योग भारती की राष्ट्रीय सचिव अंजू बजाज ने अध्यक्षता की।
गौरतलब है कि इस ट्रेड फेयर में मशीनरी, ऑटोमोबाइल्स, इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रिकल्स, इलेट्रॉनिक्स, पैकेजिंग आदि उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। जिला उद्योग केंद्र ने ओडीओपी स्कीम में 30 स्टॉल भी लगाए हैं।
इस अवसर पर अलवर जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, लघु उद्योग भारती के प्रदेश महासचिव सुधीर गर्ग, जयपुर अंचल अध्यक्ष महेंद्र मिश्रा और सचिव सुनीता शर्मा सहित बड़ी संख्या में उद्यमीगण उपस्थित रहे।
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