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सावित्री बाई फुले ने विषम परिस्थितियों में महिला शिक्षा के लिए अलख जगाई: दुष्यंत
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वर्तमान समय में महिलाएं हर क्षेत्र में ऊंचा मुकाम हासिल कर रही है। राज्य सरकार द्वारा नारी सशक्तिकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। महिलाओं को चाहिए कि जनप्रतिनिधि बनने के बाद स्वयं आगे आकर कार्य करें और अपने अधिकारों की रक्षा करें। ग्रामीण आंचल में शिक्षा के और अधिक अवसर बढ़ाने के लिए ई-लाईब्रेरियां स्थापित की जा रही है। इस महत्वकांक्षी योजना को देशभर में भी लागू करने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में सती प्रथा व अन्य कुरीतियां फैली हुई थी। इन कुरीतियों को महापुरुषों ने संघर्ष करके दूर करने का कार्य किया है। माता सावित्री बाई फुले के संघर्ष के परिणाम स्वरूप महिलाओं को शिक्षा के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने सर्व प्रथम महिलाओं के लिए जो शिक्षा का मंदिर बनाया था, उस शिक्षा के मंदिर से देश में क्रांति शुरू हुई।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिवेश में महिलाएं शिक्षा के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी आगे आ रही हैं। हरियाणा प्रदेश में दिन-प्रतिदिन महिलाओं की राजनीतिक हिस्सेदारी भी बढ़ रही है। खेल, शिक्षा में हरियाणा ने अलग पहचान बनाई है। प्रदेश की बेटी कल्पना चावला व साक्षी मलिक जैसी अनेक महिलाओं ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
उन्होंने उपस्थित जन से आह्वान किया कि वर्तमान समय के अनुसार शिक्षा ग्रहण करें, ताकि जिंदगी में सफलता हासिल हो सके। हरियाणवी संस्कृति को संजोकर रखना है, आने वाली पीढ़ी को हमारी स्वर्णिम संस्कृति से रूबरू करवाने हेतु हम सबने प्रयास करने हैं।
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