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ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रावत किया चिकित्सालय का दौरा
जयपुर/बांसवाड़ा। पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री धनसिंह रावत ने रविवार को बांसवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय का दौरा किया और यहां पर गत दिनों में कुपोषण से हुई नवजातों की मौत के मामले में चिकित्साधिकारियों से जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए।
रावत रविवार प्रातः चिकित्सालय पहुंचे और पीएमओ कार्यालय में चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में नवजात और गर्भवती माताओं को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पीएमओ डॉ. वी.के.जैन, चिकित्सालय की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजन चरपोटा और अन्य चिकित्साधिकारियों से चिकित्सालय में दवाइयों की स्थितियों और आने वाले नवजात को दी जाने वाली सुविधाओं के साथ ही रेफर किए जाने वाले प्रकरणों के बारे में भी जानकारी ली और निर्देश दिए। इस मौके पर समाजसेवी योगेश जोशी व राजीव ओझा मौजूद थे।
इस मौके पर राज्यमंत्री रावत ने मीडिया से कहा कि चिकित्सालय में नवजातों की मौतों के संबंध में पूर्व में ही उन्होंने सीएमएचओ, पीएमओ और जिला कलेक्टर से जानकारी ली थी और इस प्रकरण पर उनकी पूरी नज़र है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसमें विभाग की लापरवाही नहीं है और यहां पर आने वाली माताएं कुपोषण की शिकार हैं। इस कारण नवजातों की हालत भी कमजोर होती है। यहां गंभीर स्थितियों में नवजातों को लाया जाता है और विभाग द्वारा नवजातों को बचाने के हरसंभव प्रयास किए जाते हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पुनः निर्देश दिए गए हैं कि नवजातों के जीवन से सम्बन्धित मामलों में भविष्य में भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।
बांसवाड़ा
रावत रविवार प्रातः चिकित्सालय पहुंचे और पीएमओ कार्यालय में चिकित्सालय के विभिन्न वार्डों में नवजात और गर्भवती माताओं को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पीएमओ डॉ. वी.के.जैन, चिकित्सालय की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रंजन चरपोटा और अन्य चिकित्साधिकारियों से चिकित्सालय में दवाइयों की स्थितियों और आने वाले नवजात को दी जाने वाली सुविधाओं के साथ ही रेफर किए जाने वाले प्रकरणों के बारे में भी जानकारी ली और निर्देश दिए। इस मौके पर समाजसेवी योगेश जोशी व राजीव ओझा मौजूद थे।
इस मौके पर राज्यमंत्री रावत ने मीडिया से कहा कि चिकित्सालय में नवजातों की मौतों के संबंध में पूर्व में ही उन्होंने सीएमएचओ, पीएमओ और जिला कलेक्टर से जानकारी ली थी और इस प्रकरण पर उनकी पूरी नज़र है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसमें विभाग की लापरवाही नहीं है और यहां पर आने वाली माताएं कुपोषण की शिकार हैं। इस कारण नवजातों की हालत भी कमजोर होती है। यहां गंभीर स्थितियों में नवजातों को लाया जाता है और विभाग द्वारा नवजातों को बचाने के हरसंभव प्रयास किए जाते हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पुनः निर्देश दिए गए हैं कि नवजातों के जीवन से सम्बन्धित मामलों में भविष्य में भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाए।
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