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भूस्खलन के कारण टूटे रास्ते को तीन माह बाद भी नहीं किया गया दुरूस्त

भावानगर। किन्नौर जिले के कटगांव महेश्वर मंदिर के निकट भूस्खलन के कारण टूटे रास्ते को तीन माह बाद भी दुरूस्त नहीं किया गया है। इससे कटगांव के लोगों को जान हथेली पर रख गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में गांव और महेश्वर मंदिर का भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा बढ़ गया है। गांव के लोग खौफ के साए में दिन गुजार रहे हैं। रास्ते के इस प्वांइट के निचली तरफ लगा ढंगा पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। प्रशासन का हाथ पे हाथ धर कर बैठे रहना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। गौरतलब है कि कटगांव महेश्वर मंदिर के निकट 6 अप्रैल को भूस्खलन के कारण लगभग सौ मीटर रास्ता भारी भूस्खलन के कारण टूट गया है। प्रदेश भाजपा मीडिया सहप्रभारी राज कुमार नेगी और पूर्व भाजपा मंडलाध्यक्ष निहाल चारस ने कहा कि प्रदेश सरकार और प्रशासन के उदासीन रवैये के चलते कटगांव महेश्वर मंदिर के निकट टूटे रास्ते को 3 महीने बाद भी ठीक नहीं किया गया है। इससे प्रदेश सरकार और प्रशासन द्वारा प्राकृतिक आपदा के दौरान तुरंत कार्यवाही करने के दावों की पोल खुल गई है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से भूस्खलन होते ही रास्ते को दुरूस्त करने की मांग की थी। लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से रास्ते को आज तक दुरूस्त नहीं किया गया। जिस कारण लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति खासा रोष पनप रहा है। यहां रास्ते का कुछ हिस्सा पूरी तरह टूट गया है। लोगों ने रास्ते में एक मोटा लकड़ लगा रखा हैए जिसके उपर से वह जान जोखिम में डाल कर गुजर रहे है। बरसात के दिनों में यहां भूस्खलन होने का खतरा और अधिक बढ़ गया है। यहां से गुजरते समय यदि किसी का पैर फिसल गया तो वह सीधे भावा खड्ड़ में जा सकता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से भूस्खलन होते ही रास्ते को दुरूस्त करने की मांग की थी। लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से रास्ते को आज तक दुरूस्त नहीं किया गया। जिस कारण लोगों में सरकार और प्रशासन के प्रति खासा रोष पनप रहा है। यहां रास्ते का कुछ हिस्सा पूरी तरह टूट गया है। लोगों ने रास्ते में एक मोटा लकड़ लगा रखा हैए जिसके उपर से वह जान जोखिम में डाल कर गुजर रहे है। बरसात के दिनों में यहां भूस्खलन होने का खतरा और अधिक बढ़ गया है। यहां से गुजरते समय यदि किसी का पैर फिसल गया तो वह सीधे भावा खड्ड़ में जा सकता है।
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