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बिना नक्शा पास कराये बने सैकड़ों भवन प्रशासन के निशाने पर
गोंडा। सक्षम प्राधिकारी से
बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अथवा स्वीकृत मानचित्र के
विपरीत विनियमित क्षेत्र की
सीमा के
अन्तर्गत बनाये गये सैकड़ों मकान प्रशासन के
निशाने पर
आ गये हैं। जिलाधिकारी के
निर्देश पर
27 वार्डो तथा 34 राजस्व ग्रामों में गठित टीमों ने
निर्मित एवं निर्माणाधीन भवनों का
सत्यापन प्रारम्भ कर
दिया है। जिलाधिकारी ने
कहा कि
अवैध तरीके से
निर्मित किये गये भवनों को
नियमानुसार प्रथमतः नियमित कराया जायेगा। नियमित न
कराये जाने की
दशा में विधिक रूप से
ध्वस्तीकरण या
अन्य कार्यवाही की
जायेगी।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि अवैध निर्माणों की सघन जांच हेतु नगर क्षेत्र के 27 वार्डों हेतु पन्द्रह टीमें तथा ग्रामीण क्षेत्र के 34 राजस्व ग्रामों हेतु 34 टीमें लगायी गयी हैं। नगरीय क्षेत्र की टीमों में एक अवर अभियन्ता एवं अन्य एक लेखपाल व एक पालिका कर्मी शामिल है जबकि ग्रामीण क्षेत्र की टीमों में दो लेखपाल व एक अमीन को रखा गया है। सभी टीमों ने स्थलीय सत्यापन शुरू कर दिया है। टीमों को 03 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र में भूतल के लिए आवासीय निर्माण हेतु पचासी रूपए प्रति वर्गमीटर अधिकतम व प्रथम तल एवं इसके ऊपर तैंतालीस रूपए प्रति वर्ग मीटर की दर से आच्छादित क्षेत्रफल पर शुल्क जमा करना होता है। इसके विपरीत व्यावसायिक निर्माण हेतु भूतल के लिए एक सौ सत्तर रूपए प्रति वर्गमीटर तथा प्रथम तल एवं इसके ऊपर हेतु नब्बे रूपए प्रति वर्ग मीटर शुल्क आच्छादित क्षेत्रफल पर निर्धारित है। उन्होंने सभी भवन स्वामियों से अपील किया है कि वे विनियमित क्षेत्र से मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद ही कोई निर्माण कार्य करें। जिलाधिकारी ने जनता से भी अपील किया है कि वे उनके वार्डों ग्रामों में जॉच करने हेतु जाने वाली टीमों को पूरा सहयोग प्रदान करें और अपने भवन के नक्शे आदि की जांच करा लें। प्रेस वार्ता में नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र नगर मजिस्ट्रेट जगदीश सिंह अवर अभियन्ता बृजेश यादव लिपिक संजय श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि अवैध निर्माणों की सघन जांच हेतु नगर क्षेत्र के 27 वार्डों हेतु पन्द्रह टीमें तथा ग्रामीण क्षेत्र के 34 राजस्व ग्रामों हेतु 34 टीमें लगायी गयी हैं। नगरीय क्षेत्र की टीमों में एक अवर अभियन्ता एवं अन्य एक लेखपाल व एक पालिका कर्मी शामिल है जबकि ग्रामीण क्षेत्र की टीमों में दो लेखपाल व एक अमीन को रखा गया है। सभी टीमों ने स्थलीय सत्यापन शुरू कर दिया है। टीमों को 03 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र में भूतल के लिए आवासीय निर्माण हेतु पचासी रूपए प्रति वर्गमीटर अधिकतम व प्रथम तल एवं इसके ऊपर तैंतालीस रूपए प्रति वर्ग मीटर की दर से आच्छादित क्षेत्रफल पर शुल्क जमा करना होता है। इसके विपरीत व्यावसायिक निर्माण हेतु भूतल के लिए एक सौ सत्तर रूपए प्रति वर्गमीटर तथा प्रथम तल एवं इसके ऊपर हेतु नब्बे रूपए प्रति वर्ग मीटर शुल्क आच्छादित क्षेत्रफल पर निर्धारित है। उन्होंने सभी भवन स्वामियों से अपील किया है कि वे विनियमित क्षेत्र से मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद ही कोई निर्माण कार्य करें। जिलाधिकारी ने जनता से भी अपील किया है कि वे उनके वार्डों ग्रामों में जॉच करने हेतु जाने वाली टीमों को पूरा सहयोग प्रदान करें और अपने भवन के नक्शे आदि की जांच करा लें। प्रेस वार्ता में नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र नगर मजिस्ट्रेट जगदीश सिंह अवर अभियन्ता बृजेश यादव लिपिक संजय श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
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गोंडा
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