UD Tax: Municipal corporation and traders stuck, Mayor said - Exemption will be given only from common policy-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Sep 29, 2023 8:02 pm
Location
Advertisement

यूडी टैक्सः नगर निगम और व्यापारियों में ठनी, मेयर बोले- कॉमन पॉलिसी से ही मिलेगी छूट

khaskhabar.com : सोमवार, 05 जून 2023 3:40 PM (IST)
यूडी टैक्सः नगर निगम और व्यापारियों में ठनी, मेयर बोले- कॉमन पॉलिसी से ही मिलेगी छूट
भरतपुर। भरतपुर शहर में यूडी टैक्स गणना को लेकर नगर निगम और व्यापारियों के बीच ठन गई है। दरअसल व्यापारी यूडी टैक्स की गणना को लेकर यूडी टैक्स कलेक्शन करने वाली कंपनी का विरोध कर रहे हैं। मेयर अभिजीत कुमार का कहना है कि टैक्स की गणना नगर निगम और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार ही हो रही है। अगर व्यापारियों को किसी तरह का लाभ चाहिए तो वह व्यक्ति विशेष अथवा रसूख के आधार पर नहीं दिया जा सकता। बल्कि उसके लिए पॉलिसी में बदलाव करना पड़ेगा जो सरकार ही कर सकती है। व्यापारी सरकार से पॉलिसी में संशोधन कराएं।
उल्लेखनीय है कि यूडी टैक्स को लेकर कुछ व्यापारी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रॉपर्टी टैक्स में नियमानुसार छूट नहीं दी गई है। कम जगह होने पर भी ज्यादा एरिया का यूडी टैक्स बनाया जा रहा है। इससे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। व्यापार महासंघ के अध्यक्ष संजीव गुप्ता के नेतृत्व में हाल ही कुछ व्यापारियों ने टैक्स की गणना को लेकर भी उदाहरण दिए थे। व्यापारियों का कहना था कि कंपनी ने कुछ जगहों पर टैक्स गणना में कई प्रतिष्ठानों के ज्यादा क्षेत्र को जोड़ दिया गया है, जबकि वास्तव में उन प्रतिष्ठानों का एरिया कम है।
व्यापारियों ने बताया कि टैक्स गणना गलत करने के साथ ही उन लोगों को भी नोटिस दिए गए हैं, जो पहले ही वन टाइम टैक्स जमा करवा चुके हैं। कोरोना के कारण जो छूट मिलनी चाहिए थी वो भी नहीं मिली है। अब मामला व्यापारियों और नगर निगम के बीच फंसा हुआ है।
इधर, कंपनी का कहना है कि विरोध करने वाले कुछ लोग निजी तौर पर फायदा चाहते हैं। एक व्यापारी नेता चाहते हैं कि उनके मैरिज होम का टैक्स 100 फुट रोड के बजाय 30 फुट रोड की एंट्री मानकर बनाया जाए। फिर कोई विरोध नहीं होगा। जबकि ऑनलाइन व्यवस्था में यह संभव नहीं है। इसलिए वे विरोध करवा रहे हैं।
जबकि विरोध करने वालों में शामिल कई व्यापारी तो टैक्स भी जमा करवा चुके हैं। जो प्रकरण व्यापार संघ की ओऱ के मीडिया में उछाले गए हैं, उनकी जांच करवा ली है। टैक्स असेसमेंट सूचना पत्र बिलकुल सही है। इससे पहले इन लोगों को दो बार मौके दिए गए थे ताकि अपने टैक्स की गणना खुद कर सकें अथवा जो कंपनी ने गणना की है, उसे दस्तावेज के आधार पर ठीक करवा सकें। तीसरी बार में टैक्स नोटिस दिया गया है।
भूमि के मौके पर उपयोग से पहले का टैक्स नहीं लिया जाएः सागर गुप्ता
यूडी टैक्स को लेकर हमारा कई बिंदुओं पर विरोध है। जैसे खाली भूमि पर टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए। जब तक मौके पर भूमि का उपयोग शुरू नहीं हुआ है, उससे पहले का भी टैक्स नहीं लिया जाना चाहिए। हालांकि टैक्स कैलकुलेशन का फार्मूला भी सही नहीं है। लेकिन, यह राज्य सरकार का विषय है। इस बारे में हम सरकार से बात कर रहे हैं। महिला के नाम पर संपत्ति की रजिस्ट्री होने की स्थिति में उसे यूडी टैक्स में भी नियमानुसार 10 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए।
- सागर गुप्ता, सह संयोजक जिला व्यापार महासंघ भरतपुर

कंपनी बिलकुल सही काम कर रही है टैक्स तो देना ही होगाः मेयर
दरअसल, विरोध करने वाले व्यापारी नगर निगम में पुरानी सैटिंग वाली व्यवस्था चाहते हैं। जैसे पहले ज्यादा राशि का टैक्स नोटिस देकर फिर राशि उनके मनमुताबिक कम कर दी जाती थी। लेकिन, अब ऑनलाइन व्यवस्था में यह संभव नहीं है। निगम ने जो सर्वे कराया है उसके मुताबिक भरतपुर में 13000 प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में आती हैं। जबकि पहले सिर्फ 380 फाइलें ही बनती थीं। टैक्स कलेक्शन कभी भी 1 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं गया। जबकि हमने पिछले दो-ढाई महीने में ही 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स कलेक्ट किया है।
कंपनी नगर निगम और कानून के हिसाब से बिलकुल सही काम कर रही है। टैक्स कैलकुलेशन को लेकर अगर कोई मुद्दा है तो हमने संबंधित लोगों को पहले भी 2 बार मौके दिए थे कि वे दस्तावेजों के आधार पर उसे सही करवा लें। जो लोग आए, उनका टैक्स सही हो गया। बिना दस्तावेजी साक्ष्य के किसी का टैक्स कम नहीं हो सकता।
-अभिजीत कुमार, मेयर नगर निगम, भरतपुर

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Rajasthan Facebook Page:
Advertisement
Advertisement