More than 3 lakh 75 thousand saplings planted in Mining Department offices and mining areas-m.khaskhabar.com
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Sep 10, 2024 11:59 pm
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माइनिंग विभाग के कार्यालयों व खनन क्षेत्रों में 3 लाख 75 हजार से अधिक पौधारोपण

khaskhabar.com : गुरुवार, 08 अगस्त 2024 2:20 PM (IST)
माइनिंग विभाग के कार्यालयों व खनन क्षेत्रों में 3 लाख 75 हजार से अधिक पौधारोपण
-जयपुर एमई क्षेत्र में सर्वाधिक पौधारोपण, खानधारकों की भी पौधारोपण अभियान में भूमिका तय


जयपुर।
माइंस व भू-विज्ञान विभाग द्वारा खनन क्षेत्रों व विभागीय कार्यालयों में व्यापक स्तर पर पौधारोपण पर बल देते हुए 3 लाख 75 हजार से अधिक पौधारोपण करवाया जा चुका है। विभाग द्वारा अपने स्तर के साथ ही माइनिंग लीज धारकों से समन्वय बनाते हुए करीब पांच लाख पौधारोपण करवाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री व खान मंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन व मार्गदर्शन में प्रदेश में माइनिंग सेक्टर में पहलीबार इतने व्यापक स्तर पर पौधारोपण का कार्यक्रम हाथ में लिया गया है।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा द्वारा खनिज एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाने, अवैध खनन पर कारगर रोक, वैध खनन को बढ़ावा देने, अधिक से अधिक माइनिंग प्लाट तैयार कर ऑक्शन करने के साथ ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए व्यापक स्तर पर पौधारोपण पर जोर दिया जाता रहा है। मुख्यमंत्री श्री शर्मा के मार्गदर्शन में माइंस विभाग मेजर मिनरल ऑक्शन से लेकर रेवेन्यू अर्जन तक प्रभावी भूमिका निभा रहा है।

आरंभिक आंकड़ों के अनुसार माइंस विभाग के 46 कार्यालयों द्वारा 2 लाख 66 हजार 297 पौधे लगवाये जा चुके हैं। इनमें सर्वाधिकएमई जयपुर के कार्यक्षेत्र में करीब 20 हजार पौधारोपण करवाया गया है। 10 हजार से अधिक पौधारोपण वाले कार्यालयों में एएमई निम्बाहेड़ा में 18207, एमई बांसवाड़ा में 17230, राजसमंद प्रथम में 16975, सोजत में 16151, मकराना में 15500, बूंदी प्रथम व द्वितीय में 15000, सिरोही में 13900, राजसमंद प्रथम में 11420, आमेट में 10802 और उदयपुर में 10000 पौधारोपण किया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा समूचे प्रदेश में पौधारोपण अभियान जारी है।

राजस्थान स्टेट गैस द्वारा कोटा, नीमराणा व जयपुर में करीब एक हजार पौधे वितरित किये गये हैं। राजस्थान माइंस एवं मिनरल्स द्वारा 17000 पौधे लगवाये जा चुके हैं।

माइंस विभाग ने विभागीय कार्यालयों के साथ ही माइनिंग लीजधारकों व माइनिंग क्षेत्र के एसोसिएशनों को भी पौधारोपण अभियान से जोड़ा गया है। करीब 18 माइनिंग लीजधारकों द्वारा ही एक लाख 9 हजार 200 पौधारोपण किया जा चुका है। इसमें अल्ट्राटेक द्वारा 20150, हिंदुस्तान जिंक द्वारा 17500, अंबुजा सीमेंट द्वारा 14500, वण्डर सीमेंट द्वारा 11000 सहित बिरला व्हाईट, जिंदल सॉ, जेके सीमेंट, जेएसड्ब्लू सीमेंट, लाफार्ज सीमेंट, नेवेली लिग्नाईट, श्री सीमेंट, श्याम एसोसिएट्स, सिद्धि विनायक, उदयपुर सीमेंट, वीएस लिग्नाइट आौर मिनरल एसोसिएशनों द्वारा एक लाख 9200 पौधारोपण की सूचना है। विभाग द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम में माइंसधारकों व उनके एसोसिएशनों की भी भूमिका व सहभागिता सुनिश्चित करने का परिणाम है कि व्यापक स्तर पर पौधारोपण हो रहा है।

माइंस विभाग के खनन गतिविधियों से जुड़े होने के कारण पर्यावरण संरक्षण की भी अधिक जिम्मेदारी हो जाती है। प्रत्येक जिले के खनन पट्टा क्षेत्रों में जहां खनन कार्य पूरा होकर बंद हो चुका है वहां कम से कम एक खान चिन्हित कर उसका पुनर्भरण करवाने और फिर उस स्थान पर व्यापक वृक्षारोपण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।

विभाग द्वारा पौधारोपण के साथ ही मानसून सीजन के दौरान लगाये जाने वाले पौधों व वृक्षों के रखरखाव और सार संभार की जिम्मेदारी भी संबंधित अधिकारियों व संस्थाओं को दी है ताकि माइंस विभाग का वृक्षारोपण अभियान अपने उद्देश्यों में पूरा हो सके। पौधारोपण के दौरान छायादार-फलदार वृक्षों में नीम, बड़, पीपल, आम, शहतूत, शीशम, गुलमोहर, अशोक, जामुन आदि वृक्षों को लगाने पर जोर दिया गया है। पौधारोपण-वृक्षारोपण के दौरान राजस्थान की भौगोलिक स्थितियों के अनुसार कम पानी और जल्दी बढ़ने वाले वृक्षों और पौधों को लगाने में प्राथमिकता दी जा रही हैं।

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