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जेल में कैदियों ने एक बंदी पर किया हमला, बंदी का आरोप- धर्म परिवर्तन का बना रहे थे दबाव

जोधपुर। जोधपुर सेन्ट्रल जेल में रविवार को कुछ कैदियों ने एक बंदी पर हमला कर दिया। हमले में वह घायल हो गया। बंदी ने आरोप लगाया है कि आरोपी कैदी जेल में उस पर धर्म बदलने करने का दबाव बना रहे थे। बातें नहीं मानने पर उस पर हमला किया गया। वहीं जेल प्रशासन ने बंदी के आरोपों को गलत व बेबुनियाद करार दिया है। जानकारी के अनुसार जालोर निवासी सुभाष बिश्नोई जोधपुर जेल के सुरक्षा वार्ड-15 में बंद हैं, जहां आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोपी छह जनें भ बंद हैं। जेल में रविवार को आरोपियों ने सुभाष पर हमला कर मारपीट की। हमले में उसके नाक, कंधे और होंठ पर चोटें आईं। इसकी शिकायत करने पर जेल डिस्पेंसरी में उसकी जांच कराई गई, जहां से उसे महात्मा गांधी अस्पताल में लाया गया। वहां से उसे फिर से जेल भेज दिया गया।
अस्पताल में बंदी सुभाष ने आरोप लगाया कि वह डेढ़ माह पूर्व जालोर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। उसे सुरक्षा वार्ड-15 में बंद रखा गया है, जहां वकार खान, अशरफ व चार अन्य बंदी भी बंद हैं। इन्हें दस साल पहले आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह आरोपी सुभाष से इस्लाम धर्म कबूल करवाना चाहते हैं। बंदियों ने जेल में हिन्दू धर्म विरोधी किताबें मंगवा रखी हैं और सबको बांट कर पढ़वा रहे हैं। इस संबंध में वह दो-तीन दिन से जेलर से पेन व सफेद पेपर मांग रहा है ताकि इनकी शिकायत कर सके और सुरक्षा के नजरिए से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके, लेकिन जेलर ने उसकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया था।
उसे शनिवार शाम को वार्ड में दाखिल किया गया था और रविवार सुबह बाहर निकाला गया था। इतने में आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया था। जिससे उसके चोटें आईं।
इस मामले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि पानी की बाल्टी ले जाने के दौरान बंदियों में विवाद हुआ था। फिर एक बंदी से मारपीट कर दी गई थी। झगड़ा करने की शिकायत पर बंदी को जालोर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। धर्म परिवर्तन का दबाव डालने व हिन्दू धर्म विरोधी किताबें पढ़वाने के आरोप गलत हैं।
अस्पताल में बंदी सुभाष ने आरोप लगाया कि वह डेढ़ माह पूर्व जालोर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। उसे सुरक्षा वार्ड-15 में बंद रखा गया है, जहां वकार खान, अशरफ व चार अन्य बंदी भी बंद हैं। इन्हें दस साल पहले आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह आरोपी सुभाष से इस्लाम धर्म कबूल करवाना चाहते हैं। बंदियों ने जेल में हिन्दू धर्म विरोधी किताबें मंगवा रखी हैं और सबको बांट कर पढ़वा रहे हैं। इस संबंध में वह दो-तीन दिन से जेलर से पेन व सफेद पेपर मांग रहा है ताकि इनकी शिकायत कर सके और सुरक्षा के नजरिए से दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सके, लेकिन जेलर ने उसकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया था।
उसे शनिवार शाम को वार्ड में दाखिल किया गया था और रविवार सुबह बाहर निकाला गया था। इतने में आरोपियों ने उस पर हमला कर दिया था। जिससे उसके चोटें आईं।
इस मामले में जोधपुर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि पानी की बाल्टी ले जाने के दौरान बंदियों में विवाद हुआ था। फिर एक बंदी से मारपीट कर दी गई थी। झगड़ा करने की शिकायत पर बंदी को जालोर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था। धर्म परिवर्तन का दबाव डालने व हिन्दू धर्म विरोधी किताबें पढ़वाने के आरोप गलत हैं।
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