Hindustan Zinc oldest Debari smelter introduces night shifts for women-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Nov 15, 2025 11:31 pm
Location
 
   राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सरकार से विज्ञापनों के लिए मान्यता प्राप्त
Advertisement

हिन्दुस्तान जिंक के सबसे पुराने देबारी स्मेल्टर में महिलाओं के लिए नाईटशिफ्ट की शुरुआत

khaskhabar.com: बुधवार, 01 अक्टूबर 2025 4:51 PM (IST)
हिन्दुस्तान जिंक के सबसे पुराने देबारी स्मेल्टर में महिलाओं के लिए नाईटशिफ्ट की शुरुआत
सभी स्मेल्टर और चार माइंस अब महिला इंजीनियरों के साथ पूर्णकालिक संचालन की दिशा में उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने लैंगिक विविधता और समावेशन की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अपने देबारी जिंक स्मेल्टर (राजस्थान) में महिला कर्मचारियों के लिए नाइटशिफ्ट शुरू कर दी है। यह स्मेल्टर देश का सबसे पुराना जिंक स्मेल्टर माना जाता है। अब तक कंपनी ने राजस्थान और उत्तराखंड स्थित रामपुरा आगुचा माइन, पंतनगर मेटल प्लांट, चंदेरिया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, कायड़ माइन, जावर माइंस और सिंदेसर खुर्द माइन में भी महिला कर्मचारियों को बैकशिफ्ट (2 बजे से 10 बजे तक) और नाइटशिफ्ट (10 बजे से सुबह 6 बजे तक) में शामिल किया है। इन पहलों के चलते हिन्दुस्तान जिंक का जेंडर डायवर्सिटी अनुपात 26% से अधिक पहुँच गया है, जो मेटल और माइनिंग सेक्टर में देश के उच्चतम स्तरों में से एक है।
चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर का बयान
हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने इस उपलब्धि पर कहा – “देबारी स्मेल्टर में महिलाओं को नाइटशिफ्ट में शामिल करना केवल बाधाओं को तोड़ना नहीं है, बल्कि समावेशन के नए मानक स्थापित करना है। हमारी सच्ची प्रगति तभी होगी जब हर व्यक्ति को निर्भीक होकर नेतृत्व करने और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ने का हक मिलेगा।”
महिला इंजीनियरों का अनुभव
देबारी स्मेल्टर में ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में कार्यरत रुबीना अगवानी ने इसे एक सशक्त अनुभव बताया। “नाइटशिफ्ट में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। सुरक्षा और मार्गदर्शन की मजबूत व्यवस्था ने मुझे आत्मविश्वास दिया है। यह कदम न केवल मेरे करियर को आगे बढ़ाएगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी माइनिंग और मेटल सेक्टर में आने के लिए प्रेरित करेगा।”
सुरक्षा और तकनीक पर जोर : कंपनी का कहना है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। अत्याधुनिक तकनीक, निगरानी तंत्र और प्रगतिशील नीतियों से कार्यस्थल को और अधिक सुरक्षित और समावेशी बनाया गया है।
उद्योग में अग्रणी पहल : भारत की पहली महिला अंडरग्राउंड माइन मैनेजर की नियुक्तिञ पहली महिला अंडरग्राउंड माइन रेस्क्यू टीम की स्थापना।
“वुमेन ऑफ जिंक” अभियान के जरिए 2030 तक 30% महिला प्रतिनिधित्व का लक्ष्य
इन पहलों के जरिए हिन्दुस्तान जिंक न केवल कार्यबल में विविधता बढ़ा रहा है, बल्कि पूरे मेटल और माइनिंग उद्योग को अधिक समावेशी और प्रेरक बनाने की दिशा में अग्रसर है।
जैसे-जैसे दुनिया धातु और खनन-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है, हिन्दुस्तान जिंक यह दिखा रहा है कि महिलाओं की भागीदारी केवल सामाजिक समानता का मुद्दा नहीं, बल्कि नवाचार और विकास का इंजन है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement