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हिन्दुस्तान जिंक के सबसे पुराने देबारी स्मेल्टर में महिलाओं के लिए नाईटशिफ्ट की शुरुआत

चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर का बयान
हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने इस उपलब्धि पर कहा – “देबारी स्मेल्टर में महिलाओं को नाइटशिफ्ट में शामिल करना केवल बाधाओं को तोड़ना नहीं है, बल्कि समावेशन के नए मानक स्थापित करना है। हमारी सच्ची प्रगति तभी होगी जब हर व्यक्ति को निर्भीक होकर नेतृत्व करने और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ने का हक मिलेगा।”
महिला इंजीनियरों का अनुभव
देबारी स्मेल्टर में ग्रेजुएट ट्रेनी के रूप में कार्यरत रुबीना अगवानी ने इसे एक सशक्त अनुभव बताया। “नाइटशिफ्ट में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। सुरक्षा और मार्गदर्शन की मजबूत व्यवस्था ने मुझे आत्मविश्वास दिया है। यह कदम न केवल मेरे करियर को आगे बढ़ाएगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी माइनिंग और मेटल सेक्टर में आने के लिए प्रेरित करेगा।”
सुरक्षा और तकनीक पर जोर : कंपनी का कहना है कि महिला कर्मचारियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए विशेष उपाय किए गए हैं। अत्याधुनिक तकनीक, निगरानी तंत्र और प्रगतिशील नीतियों से कार्यस्थल को और अधिक सुरक्षित और समावेशी बनाया गया है।
उद्योग में अग्रणी पहल : भारत की पहली महिला अंडरग्राउंड माइन मैनेजर की नियुक्तिञ पहली महिला अंडरग्राउंड माइन रेस्क्यू टीम की स्थापना।
“वुमेन ऑफ जिंक” अभियान के जरिए 2030 तक 30% महिला प्रतिनिधित्व का लक्ष्य
इन पहलों के जरिए हिन्दुस्तान जिंक न केवल कार्यबल में विविधता बढ़ा रहा है, बल्कि पूरे मेटल और माइनिंग उद्योग को अधिक समावेशी और प्रेरक बनाने की दिशा में अग्रसर है।
जैसे-जैसे दुनिया धातु और खनन-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है, हिन्दुस्तान जिंक यह दिखा रहा है कि महिलाओं की भागीदारी केवल सामाजिक समानता का मुद्दा नहीं, बल्कि नवाचार और विकास का इंजन है।
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