कृषि अवशेष को संसाधन में तबदील करने के लिए ग्रीन हाईड्रोजन नीति लाभदायक : अमन अरोड़ा

ड्राफ्ट ग्रीन हाईड्रोजन नीति पर यहाँ सीआईआई में करवाए गए आधे दिन के ओपन-हाऊस सैशन की अध्यक्षता करते हुए अमन अरोड़ा ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य साल 2030 तक 100 किलो टन उत्पादन क्षमता के साथ पंजाब को ग्रीन हाइड्रोजन/ अमोनिया के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाना है। इसके इलावा हाईड्रोजन पैदा करने की नवीनतम उत्पादन क्षमता जैसे बायोमास गैसीफीकेशन, स्टीम मीथेन रिफारमिंग, वेस्ट वाटर की इलैकट्रोलाईसिस, हाईड्रोजन फ्यूल बलैंडिंग आदि विकसित करना है।
यह पहलकदमी बायोमास से ग्रीन हाईड्रोजन पैदा करने के लिए तकनीकें खोजने के लिए रास्ता साफ करेगी क्योंकि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य को ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। पंजाब मुख्य तौर पर बायोमास से ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जो भविष्य में ज़ीरो-कार्बन तबदीली के लिए एक आकर्षक विकल्प है क्योंकि राज्य में सालाना 20 मिलियन टन पराली पैदा होती है।
ग्रीन हाईड्रोजन की महत्ता और इसके प्रयोग की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए पेडा के चेयरमैन एच. एस. हंसपाल ने कहाकि इस नीति के ज़रिए सिर्फ़ लक्ष्य ही निर्धारित नहीं किए गए, बल्कि यह राज्य के सस्टेनबल भविष्य के लिए हमारी वचनबद्धता का प्रमाण है।
पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. अमरपाल सिंह ने कहा कि पंजाब भविष्य में ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन में अहम योगदान डालने के लिए देश का अग्रणी बनने के लिए वचनबद्ध है जिससे न सिर्फ़ खुशहाली आयेगी बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जा सकेगा। उन्होंने राज्य की ग्रीन हाईड्रोजन नीति के अंतर्गत प्रदान किये जाने वाले अलग-अलग प्रोत्साहनों के बारे भी जानकारी दी।
डायरेक्टर एमपी सिंह ने पेडा की अलग-अलग पहलकदमियों को सांझा किया जो राज्य की ऊर्जा संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पराली का प्रयोग करके लाभदायक ईंधन/ऊर्जा में तबदील करने संबंधी रणनीति पर आधारित है। इंटर डिसिपलनरी सैंटर फार एनर्जी एंड रिर्सच, आईआईएससी, बंगलोर के चेयरमैन प्रो. डा. एस. दसप्पा और डायरेक्टर जनरल नेशनल इंस्टीट्यूट आफ बायो-एनर्जी, एमएनआरई, भारत सरकार डा. जी. श्रीधर ने ग्रीन और साफ़-सुथरी ऊर्जा को उत्साहित करने के लिए पेडा द्वारा पहलकदमियों की सराहना भी की।
डा. एस. दसप्पा ने बायोमास से हाईड्रोजन पैदा करने के लिए नवीनतम प्रौद्यौगिकी के बारे एक पेशकारी दी। पेडा से रोहत कुमार ने भी पंजाब राज्य के लिए ड्राफ्ट ग्रीन हाईड्रोजन नीति की मुख्य विशेषताओं के बारे एक पेशकारी दी। इस सैशन में एनएलटी, एचएमईएल, एचपीसीएल, गेल, इंडियन आईल, एनएफएल, वर्धमान, स्पोर्टकिंग, एचएमईएल, नाहर ग्रुप और औद्योगिक ऐसोसिएशनों, कंसलटैंसी फर्मों, अकादमिक संस्थाओं, एनर्जी ऑडिटरों/ प्रबंधकों सहित उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
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