गंगा दशहरा 2025: घर पर ऐसे करें मां गंगा की पूजा, जानें आसान विधि और शुभ उपाय

गंगा दशहरा 2025 की तिथि और संयोग:
—तिथि: 5 जून 2025, गुरुवार
—नक्षत्र: हस्त नक्षत्र
—योग: रवि योग, गर करण, तैतिल करण
यह संयोग गंगा स्नान और पूजा के लिए बेहद शुभ माने जाते हैं।
गंगा दशहरा का महत्व
गंगा दशहरा, मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं। इस दिन किए गए स्नान, दान और जप से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं—इसलिए इसे 'दशहरा' कहा जाता है।
घर पर पूजा विधि (Step by Step):
1. प्रातः काल उठें और स्नान करें। यदि गंगा नदी तक न जा सकें, तो गंगाजल को स्नान जल में मिलाएं।
2. पूजा स्थल की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
3. पीला या लाल कपड़ा बिछाकर मां गंगा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
4. चंदन, अक्षत, फूल, दीप, मिष्ठान, पंचामृत आदि से पूजन करें।
5. 'ॐ गंगे नमः', 'गंगे च यमुने चैव' जैसे मंत्रों का जप करें।
6. गंगा आरती करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
इस दिन क्या-क्या दान करें
• तिल, तुलसी, जल का घड़ा, वस्त्र, पंखा, घी, अनाज, मिष्ठान
• दान करने से पुण्य फल बढ़ता है और पारिवारिक कल्याण होता है।
खास उपाय
• सुख-शांति और समृद्धि के लिए इस दिन गंगा चालीसा और गंगा स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
• किसी जरूरतमंद को जल से भरा घड़ा और शीतल पेय देना विशेष फलदायी माना जाता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या पुरोहित की सलाह अवश्य लें।
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