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चुराह विधायक हंसराज ने कहा बगाईगढ़ के मानसिक विक्षिफ्त परिवार की मदद की जाएगी

चंबा। जिले के चुराह विधायक हंसराज ने कहा कि उनके इलाके में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक परिवार की मदद पहले की गई है। इस मामले में उन्होंने खुद साढे तीन किलोमीटर पैदल चल कर इस परिवार के आधार कार्ड बनवाए थे। ताकि यह परिवार सहारा योजना का लाभ ले पाता। लेकिन इसमें स्थानीय पंचायत का रवैया उत्साहवर्धक नहीं रहा है।
विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं चुराह के विधायक हंसराज ने कहा कि विकलांगता पेंशन के बजाय इस परिवार को सहारा योजना का लाभ दिलाने की उनकी कोशिश है। उन्होंने बताया कि इस गांव में पहुंचना आसान नहीं है। यहां सड़क तक की सुविधा नहीं है। कई किलोटर पैदल पहुंचना पड़ता है। लेकिन, उनका प्रयास है कि इलाके को सड़क मार्ग से जोडा जाए। इसके लिए एफआरए क्लीयरेंस केस केन्द्र सरकार को भेजा गया है। उसकी मंजूरी मिलते ही यहां सडक बन जायेगी। उसके बाद अपने आप इस परिवार को अधिक मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस परिवार की मदद के लिए उन्होंने वहां प्राइमरी स्कूल खुलवाया था। अधिकारियों के साथ मेडिकल टीम को लेकर उनसे मिलने उनके गांव तक वह जाकर आए हैं। साथ गए अधिकारियों और मेडिकल टीम के सभी लोगों को भी पैदल चलना पडा था। तमाम प्रक्रिया के लिए पंचायत का रोल अहम है। उसके उत्साह के बिना सारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। हालांकि मैंने उनके आधार कार्ड बनवा दिये थे।
उन्होंने माना कि इस परिवार को मदद मिलनी चाहिए। लेकिन इसमें कानूनी अड़चनों को भी दूर करना होगा। हंसराज ने कहा कि जल्द ही वह इस परिवार से संपर्क करेंगे। इनके साथ उनकी पूरी सहानूभति है। आरोप लगाया जा रहा है कि चुराह के बगाईगढ़ पंचायत के मानसिक रूप से विक्षिप्त परिवार की सरकार मदद नहीं कर पा रही है। जिससे उन्हें पेंशन व दूसरी सुविधाओं से वंचित रहना पड रहा है।
विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर एवं चुराह के विधायक हंसराज ने कहा कि विकलांगता पेंशन के बजाय इस परिवार को सहारा योजना का लाभ दिलाने की उनकी कोशिश है। उन्होंने बताया कि इस गांव में पहुंचना आसान नहीं है। यहां सड़क तक की सुविधा नहीं है। कई किलोटर पैदल पहुंचना पड़ता है। लेकिन, उनका प्रयास है कि इलाके को सड़क मार्ग से जोडा जाए। इसके लिए एफआरए क्लीयरेंस केस केन्द्र सरकार को भेजा गया है। उसकी मंजूरी मिलते ही यहां सडक बन जायेगी। उसके बाद अपने आप इस परिवार को अधिक मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस परिवार की मदद के लिए उन्होंने वहां प्राइमरी स्कूल खुलवाया था। अधिकारियों के साथ मेडिकल टीम को लेकर उनसे मिलने उनके गांव तक वह जाकर आए हैं। साथ गए अधिकारियों और मेडिकल टीम के सभी लोगों को भी पैदल चलना पडा था। तमाम प्रक्रिया के लिए पंचायत का रोल अहम है। उसके उत्साह के बिना सारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। हालांकि मैंने उनके आधार कार्ड बनवा दिये थे।
उन्होंने माना कि इस परिवार को मदद मिलनी चाहिए। लेकिन इसमें कानूनी अड़चनों को भी दूर करना होगा। हंसराज ने कहा कि जल्द ही वह इस परिवार से संपर्क करेंगे। इनके साथ उनकी पूरी सहानूभति है। आरोप लगाया जा रहा है कि चुराह के बगाईगढ़ पंचायत के मानसिक रूप से विक्षिप्त परिवार की सरकार मदद नहीं कर पा रही है। जिससे उन्हें पेंशन व दूसरी सुविधाओं से वंचित रहना पड रहा है।
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