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भूजल बचाने के लिए नहरी पानी का अधिकतम उपयोग करेंगेः भगवंत मान
चिट्टी वेईं के प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू साहिबान के नक्शे-कदम पर चलते हुए राज्य सरकार, पंजाब के कुदरती संसाधनों के संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरु करेगी। इसके लिए फंड की कोई कमी नहीं है।
गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरति महतु’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारे गुरू साहिबान ने हवा की तुलना अध्यापक, पानी की पिता और धरती की माँ से की है। परन्तु कितने दुर्भाग्य की बात है कि हम गुरू साहिबान के शब्दों का सम्मान नहीं रख सके। हमनें इन तीनों ही संसाधनों को दूषित कर दिया है। अब समय आ गया है कि हम गुरबानी की शिक्षाओं को अपने जीवन में ढाल कर राज्य की शान को सही अर्थों में बहाल करें।
राज्य सरकार ने भूजल की बचत करने के लिए नहरी पानी के अधिकतम प्रयोग के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं। इस समय पंजाब अपने पास उपलब्ध नहरी पानी में से सिर्फ़ 33 से 34 प्रतिशत का प्रयोग कर रहा है। इसको आने वाले दिनों में बढ़ाया जाएगा। मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि पंजाब पहले पड़ाव में नहरी पानी का प्रयोग को बढ़ाकर 60 प्रतिशत करेगा। जिससे 14 लाख में से 4 लाख ट्यूबवैल बंद हो सकें।
एसवाईएल का नाम वाईएसएल किया जाएः
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के प्रोजेक्ट को अब यमुना- सतलुज लिंक (वाईएसएल) के तौर पर जाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतलुज दरिया पहले ही सूख चुका है और किसी को एक बूँद पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके उलट गंगा और यमुना का पानी सतलुज दरिया के द्वारा पंजाब को सप्लाई होना चाहिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि होशियारपुर जिले के जो गाँव शहीद भगत सिंह नगर जिले के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं, उनके बारे कैबिनेट द्वारा हमदर्दी से विचार किया जाएगा। गढ़शंकर बाइपास को अपग्रेड किया जाएगा। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा, पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण रोड़ी, राज्यसभा मेंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल और भी उपस्थित थे।
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