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मंदिर विवाद: ग्रामीणों ने लगाया जाम, वाहन भी फूंके
नीरज कुमार,पीलीभीत। मंदिर गिराये जाने के विवाद में प्रशासन की भूमिका अच्छी नहीं
रही। डीएम ने बुधवार को आक्रोशित ग्रामीणों और हिन्दू संगठनों के लोगों से
मिलने से साफ मना कर दिया। उसके बाद गुरूवार को फिर वबाल हो गया। हाइवे 730 को
घंटों जाम किया गया और तीन बाइकों को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। मौके पर
डीएम शीतल वर्मा और एसपी देव रंजन ने पहुंच कर भीड़ पर डंडे चलाये और हालात को सामान्य कराया। एसपी ने बताया कि घटना का मुकदमा लिख लिया गया
है और आधे दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है। जाम खुलवाने पहुंचे पुलिस
वालों को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस टीम से
मारपीट करते हुए तीन पवन मोबाइल मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। सूचना
पर एडीएम एसपी कई थानों की पुलिस पीएसी के साथ मौके पर पहुँच गए। इस बीच पुलिस कुछ उपद्रवियों को
हिरासत में भी लिया है। मामला सुनगढ़ी थाना इलाके के पूरनपुर गेट चौकी के
पास का है।
नेशनल हाइवे 730 पर पूरनपुर गेट चौकी के पास एक पुराना हनुमान मंदिर था। मंगलवार को राजस्व टीम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर मंदिर को गिरा दिया और मंदिर के बाबा के साथ मारपीट की। कल भी आसपास के ग्रामीणों ने रोड जाम कर अपना विरोध दर्ज करवाया था।तब डीएम के अाश्वासन के बाद जाम खुल गया था। डीएम ने बुधवार सुबह ग्रामीणों को मिलने के लिए अपने दफ्तर बुलाया।ग्रामीणों के पहुंचे से पहले ही बीजेपी के कुछ नेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंप दिया। इसके बाद जब ग्रामीण डीएम से मिलने गए तो डीएम में मुलाकात करने से ही मना कर दिया।जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।फिर ग्रामीणों ने रोड जाम कर विरोध शुरु कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों से भीड़ ने मारपीट शुरु कर दी ओर उनके तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया।पुलिस अब आज पास के गावों में गाड़ियों से रुटमार्च कर रही है।जिससे गांवो में तनावपूर्ण खामोशी बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरे प्रकरण पर अभी कुछ भी कहने से बच रहे है। इस मामले में भाजपा नेताओं का रवैया अच्छा नहीं रहा। किसी भी विधायक ने कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया।
नेशनल हाइवे 730 पर पूरनपुर गेट चौकी के पास एक पुराना हनुमान मंदिर था। मंगलवार को राजस्व टीम ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर मंदिर को गिरा दिया और मंदिर के बाबा के साथ मारपीट की। कल भी आसपास के ग्रामीणों ने रोड जाम कर अपना विरोध दर्ज करवाया था।तब डीएम के अाश्वासन के बाद जाम खुल गया था। डीएम ने बुधवार सुबह ग्रामीणों को मिलने के लिए अपने दफ्तर बुलाया।ग्रामीणों के पहुंचे से पहले ही बीजेपी के कुछ नेताओं ने डीएम को ज्ञापन सौंप दिया। इसके बाद जब ग्रामीण डीएम से मिलने गए तो डीएम में मुलाकात करने से ही मना कर दिया।जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।फिर ग्रामीणों ने रोड जाम कर विरोध शुरु कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों से भीड़ ने मारपीट शुरु कर दी ओर उनके तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया।पुलिस अब आज पास के गावों में गाड़ियों से रुटमार्च कर रही है।जिससे गांवो में तनावपूर्ण खामोशी बनी हुई है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरे प्रकरण पर अभी कुछ भी कहने से बच रहे है। इस मामले में भाजपा नेताओं का रवैया अच्छा नहीं रहा। किसी भी विधायक ने कोई भी हस्तक्षेप नहीं किया।
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