आरडीपीएल को फिर से मिलेगा जीवन, राज्य सरकार बनाएगी राजकीय उपक्रम

प्रबंध निदेशक नेहा ने उत्पादन क्षेत्र, गुणवत्ता नियंत्रण लैब, भंडारण इकाई, मुख्य भवन और पूरे परिसर का जायज़ा लिया। निरीक्षण में पाया गया कि औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इस इकाई के पास लगभग 10 एकड़ भूमि है, जहां टैबलेट, कैप्सूल और लिक्विड निर्माण के लिए तीन विभाग स्थापित हैं।
हालांकि, परिसर में अधिकांश मशीनें लंबे समय से उपयोग में नहीं ली गई हैं। कई मशीनों को चालू करने से पहले कैलिब्रेशन और वैलिडेशन की आवश्यकता बताई गई है। कुछ मशीनें जंग लगने से पूरी तरह खराब हो चुकी हैं, जबकि कुछ उपकरण ऐसे भी हैं जिन्हें 2016 में खरीदा गया था, लेकिन आज तक उपयोग में नहीं लाया गया।
प्रबंध निदेशक ने आरडीपीएल के भवन, मशीनों, देनदारियों और अन्य परिसंपत्तियों की जानकारी शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि पुनरुद्धार में होने वाले खर्च का आकलन किया जा सके। साथ ही, न्यायालय में लंबित प्रकरणों की जानकारी भी संकलित कर भिजवाने को कहा गया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में आरडीपीएल में हुई आगजनी की घटना में मशीनों और भवन को भारी नुकसान हुआ था। इसके आंकलन की रिपोर्ट निगम को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
निरीक्षण के दौरान परिसर की जल आपूर्ति, बिजली व्यवस्था, बायोमेडिकल वेस्ट और भंडारण स्थलों की भी समीक्षा की गई। अंत में प्रबंध निदेशक ने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरडीपीएल को राजकीय उपक्रम (State PSU) का दर्जा देकर पुनर्जीवित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
जयपुर
राजस्थान से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
