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पंजाब में रिकॉर्ड 30 दिन में किसानों को मिला 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवज़ा

ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि घरों के नुकसान का भी तेजी से सर्वे हुआ। 30,806 घरों का सर्वे पूरा कर लिया गया और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का मुआवज़ा ₹6,500 से बढ़ाकर ₹40,000 कर दिया गया। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को बाढ़ में खोया, उन्हें ₹4 लाख की सहायता दी गई। मवेशियों और पोल्ट्री के नुकसान का मुआवज़ा भी तय कर दिया गया, ताकि कोई भी परिवार संकट में अकेला न रहे।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि यह पहली बार हुआ है कि सभी आकलन और मुआवज़ा वितरण की प्रक्रिया एक पारदर्शी ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए की गई है। अजनाला क्षेत्र के 52 गांवों में ₹5 करोड़ से अधिक का मुआवज़ा सीधे किसानों और प्रभावित परिवारों को दिया गया। हर गांव, हर किसान और हर परिवार तक राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने जमीनी स्तर पर टीमों को सक्रिय कर दिया है।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत बाढ़ से प्रभावित जमीन को फिर से खेती योग्य बनाने के लिए काम तेज़ी से चल रहा है। मिशन ‘चढ़दीकला’ के तहत पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित गांवों को फिर से खड़ा करने का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पंजाब का किसान कभी अकेला नहीं रहेगा, सरकार हर कदम पर उसके साथ खड़ी है।
ओएसडी टू सीएम अमनजोत सिंह ने बताया कि जहां विपक्ष बाढ़ पर राजनीति में उलझा रहा, वहीं आम आदमी पार्टी सरकार ने राहत और पुनर्वास को प्राथमिकता दी। दिवाली से पहले मुआवज़ा देकर सरकार ने किसानों को भरोसे का एहसास दिलाया और यह दिखाया कि जब बात पंजाब और पंजाबियत की आती है तो यह सरकार केवल वादे नहीं करती, बल्कि निभाती भी है। यह वही भावना है जो पंजाब को मजबूत बनाती है, संकट में एकजुट होकर खड़ा होना और अपने लोगों का साथ देना।
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