पश्चिम बंगाल में लगे राष्ट्रपति शासन : जगदंबिका पाल

उन्होंने कहा कि जिस तरह से बंगाल में प्रदर्शन हो रहा था, उसे ममता सरकार का खुलेआम संरक्षण था। सरकार के मंत्री ने लोगों का आह्वान किया और लोगों को उकसाया। केवल हत्या नहीं हुई, बल्कि 16 पुलिस वाले भी घायल हैं। वहां पर राष्ट्रपति शासन की जरूरत है।
सांसद ने कहा कि वक्फ संशोधन अब दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद वह कानून बन गया। इस कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार लोगों को उकसाने का काम कर रही है। जिस तरह से घर में घुसकर पिता-पुत्र की हत्या हुई है, पुलिस मूक खड़ी थी। पुलिस पर भी हमला हुआ है। वहां कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। कोर्ट के आदेश पर केंद्र ने सुरक्षा दी है, वरना वहां लोगों का सुरक्षित रहना मुश्किल था। अब वहां राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल को लेकर हुई हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई। इस हंगामे से राज्य की राजनीति में उबाल आया हुआ है। इधर, कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर शनिवार रात से ही जिले के हिंसाग्रस्त और संवेदनशील कई इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी गई है। वक्फ (संशोधन) बिल को दो और तीन अप्रैल को क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया गया था। इसे दोनों सदनों ने पारित कर दिया और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, जिसके बाद यह कानून बन गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इसे अपनी मंजूरी दे दी है।
--आईएएनएस
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