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रहस्य, रोमांच व सम्मोहन की दुनिया में ले जाते हैं माउन्ट आबू, उदयपुर और कुम्भलगढ़, यहां पढ़ें
जयपुर । राजस्थान में पर्यटन, पर्यटकों को रहस्य, रोमांच और सम्मोहन की दुनिया में ले जाता है। ऐसा नहीं है कि राजस्थान में पर्यटन का मजा केवल सर्दियों में ही है, ग्रीष्मकालीन पर्यटन में भी राजस्थान की अलग पहचान है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार राजस्थान का एक मात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल माउन्ट आबू मई में समर फेस्टिवल के जरिए पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है । माउन्ट आबू के साथ ही उदयपुर और कुम्भलगढ़ ऐसे पर्यटन स्थल है जो देशी और विदेशी पर्यटकों में खासे लोकप्रिय हैं ।
बात करें माउन्ट आबू कि तो, यह राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल ( हिल स्टेशन) में शुमार है । यहां पर साल भर पर्यटकों की आवक रहती है लेकिन मई, जून और दिसम्बर के महीने में यहां पर्यटकों के आगमन में खासी बढ़ोतरी हो जाती है जिसका कारण है मई और जून में यहां ग्रीष्मोत्सव (समर फेस्टिवल) और सर्दियों में शरदोत्सव (विंटर फेस्टिवल) का आयोजन होता है । फेस्टिवल के दौरान स्वदेशी और विदेशी सैलानियों की इस खूबसूरत पर्वतीय स्थल पर मानो बाढ आ जाती है।
माउन्ट आबू में समर फेस्टिवल इस बार 12 -14 मई को आयोजित किया जाएगा।
दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार माउंट आबू में आयोजित समर फेस्टिवल लोक और नृत्य संगीत का पर्व है । यह राजस्थान के आदिवासी जीवन और संस्कृति की झलक देता है । तीन दिन के इस फेस्टिवल में कई सांस्कृतिक और पारंपरिक झलकियां देखने को मिलेंगी। जिसकी शुरुआत एक भव्य शोभायात्रा के साथ होती है । इसके बाद मंत्रमुग्ध कर देने वाला लोक नृत्य होता है । इस फेस्टिवल के दौरान नक्की झील में बोट रेस और पूरे माउंट आबू में जुलूस का भी आयोजन किया जाता है।इस फेस्टिवल के दौरान इतनी सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं। माउंट आबू की सुंदरता सैलानियों का दिल जीत लेती है। माउंट आबू को खड़ी चट्टानों, शांत झीलों, सुरम्य वातावरण और बेहतरीन मौसम के लिए जाना जाता है ।
माउंट आबू समर फेस्टिवल की शुरुआत स्वागत गीत और पारंपरिक जुलूस निकालकर होती है। जिसमें राजस्थानी और गुजराती लोक नृत्य और लोक संगीत का समागम होता है । इसके बाद दिन आगे बढ़ते-बढ़ते कई तरह की प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक कार्यक्रम भी होते हैं । इस फेस्टिवल में एक्टिविटीज, जैसे- घोड़ों की रेस, नक्की झील में बोट रेस, मटका रेस, रस्साकशी, स्केटिंग रेस, बैंड शो जैसी ढेरों दिलचस्प गतिविधियां शामिल हैं । यहां शाम-ए-कव्वाली का भी आयोजन किया जाता है । फेस्टिवल के आखिर में जबरदस्त आतिशबाजी होती है और इसके साथ ही समर फेस्टिवल का समापन हो जाता है ।
आबू का गुरूशिखर अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है । जहां जाने पर आपको अहसास होता है कि आप आसमां की सवारी कर रहे हैं और बादल आपके कदमों तले हैं । देलवाडा जैन मंदिर, नक्की लेक, सन सैट पाइंट आपको सम्मोहन के उस लोक में पहुंचाते हैं जहां आप के मुंह से बरबस ही निकल पड़ता है ... राजस्थान का यह सम्मोहक और मनमोहक नजारा नहीं देखा तो फिर आप ने क्या देखा..
बात करें माउन्ट आबू कि तो, यह राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल ( हिल स्टेशन) में शुमार है । यहां पर साल भर पर्यटकों की आवक रहती है लेकिन मई, जून और दिसम्बर के महीने में यहां पर्यटकों के आगमन में खासी बढ़ोतरी हो जाती है जिसका कारण है मई और जून में यहां ग्रीष्मोत्सव (समर फेस्टिवल) और सर्दियों में शरदोत्सव (विंटर फेस्टिवल) का आयोजन होता है । फेस्टिवल के दौरान स्वदेशी और विदेशी सैलानियों की इस खूबसूरत पर्वतीय स्थल पर मानो बाढ आ जाती है।
माउन्ट आबू में समर फेस्टिवल इस बार 12 -14 मई को आयोजित किया जाएगा।
दलीप सिंह राठौड़ के अनुसार माउंट आबू में आयोजित समर फेस्टिवल लोक और नृत्य संगीत का पर्व है । यह राजस्थान के आदिवासी जीवन और संस्कृति की झलक देता है । तीन दिन के इस फेस्टिवल में कई सांस्कृतिक और पारंपरिक झलकियां देखने को मिलेंगी। जिसकी शुरुआत एक भव्य शोभायात्रा के साथ होती है । इसके बाद मंत्रमुग्ध कर देने वाला लोक नृत्य होता है । इस फेस्टिवल के दौरान नक्की झील में बोट रेस और पूरे माउंट आबू में जुलूस का भी आयोजन किया जाता है।इस फेस्टिवल के दौरान इतनी सांस्कृतिक गतिविधियां होती हैं। माउंट आबू की सुंदरता सैलानियों का दिल जीत लेती है। माउंट आबू को खड़ी चट्टानों, शांत झीलों, सुरम्य वातावरण और बेहतरीन मौसम के लिए जाना जाता है ।
माउंट आबू समर फेस्टिवल की शुरुआत स्वागत गीत और पारंपरिक जुलूस निकालकर होती है। जिसमें राजस्थानी और गुजराती लोक नृत्य और लोक संगीत का समागम होता है । इसके बाद दिन आगे बढ़ते-बढ़ते कई तरह की प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक कार्यक्रम भी होते हैं । इस फेस्टिवल में एक्टिविटीज, जैसे- घोड़ों की रेस, नक्की झील में बोट रेस, मटका रेस, रस्साकशी, स्केटिंग रेस, बैंड शो जैसी ढेरों दिलचस्प गतिविधियां शामिल हैं । यहां शाम-ए-कव्वाली का भी आयोजन किया जाता है । फेस्टिवल के आखिर में जबरदस्त आतिशबाजी होती है और इसके साथ ही समर फेस्टिवल का समापन हो जाता है ।
आबू का गुरूशिखर अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी है । जहां जाने पर आपको अहसास होता है कि आप आसमां की सवारी कर रहे हैं और बादल आपके कदमों तले हैं । देलवाडा जैन मंदिर, नक्की लेक, सन सैट पाइंट आपको सम्मोहन के उस लोक में पहुंचाते हैं जहां आप के मुंह से बरबस ही निकल पड़ता है ... राजस्थान का यह सम्मोहक और मनमोहक नजारा नहीं देखा तो फिर आप ने क्या देखा..
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