Advertisement
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल गांवों के विकास की योजनाएं बनाएं : राज्यपाल
राज्यपाल ने कहाकि सीमावर्ती गांव वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शामिल गांव सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इन गांवों के लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से योजनाएं बनाई जानी चाहिए। इन लोगों के माध्यम से महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव हो पाएगा। उन्हें कुछ स्थानों पर पेयजल आपूर्ति की कमी की जानकारी मिली है। उन्होंने संबंधित विभाग को जल शक्ति मंत्रालय के परामर्श से एक विस्तृत परियोजना तैयार करने का निर्देश दिए।
बैठक में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान, आयुष्मान भारत योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, शिक्षा विभाग की मिड-डे मील योजना, समग्र शिक्षा, आत्मा परियोजना, एकीकृत बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उपायुक्त तोरुल रवीश ने राज्यपाल का स्वागत किया और हाल ही में जिले में प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति के अलावा केंद्र द्वारा प्रायोजित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने जिले की विकासात्मक गतिविधियों से भी अवगत कराया। उन्होंने उपमंडल पूह और मल्लिंग नाला तथा कल्पा, निचार, काफनू आदि क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सांगला से पर्यटकों को निकालने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया और किन्नर कैलाश यात्रा के दौरान मलिंग खट्टा के पास भी रेस्क्यू आपरेशन संचालित कर, श्रद्धालुओं को बचाया गया।
उन्होंने कहा कि जिले के सभी विभागों को 138 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान है। बैठक में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की भी विस्तृत जानकारी दी गई। जिला के 55 गांवों को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत शामिल किया गया है। बैठक में राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
किन्नौर
हिमाचल प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement