विमल नेगी मामले में वायरल पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने नए प्रश्नों को दिया जन्म : बिंदल

उन्होंने कहा कि सामने आया कि डूबने से मृत्यु हुई या मृत्यु के उपरांत डूबने की बात आई, इसलिए जहां शंका पूरे हिमाचल के मन में खड़ी है वहीं किन्नौर के मन में खड़ी है और विमल नेगी जी के परिवार के मन में खड़ी है। पूरे प्रदेश में शंका और ज्यादा बलवती हो रही है। ऐसे में इस विषय को और ज्यादा अधिक गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने नया मोड ला दिया है। एम्स बिलासपुर में हुए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में सामने आया है कि विमल नेगी की छाती में एक भी बूंद पानी नहीं पाया गया है।
विशेषज्ञों ने रिपोर्ट में यह बात कही है कि फेफड़े पूरी तरह सड़ चुके थे लेकिन छाती में पानी नहीं था। विमल नेगी के पेट में भी पानी नहीं पाया गया है। उनके शरीर पर आंतरिक या बाहरी किसी भी हिस्से में किसी तरह की चोट के निशान नहीं हैं जबकि उनकी मौत गोबिंदसागर झील में डूबने से बताई गई और शव झील में ही मिला था।
एम्स बिलासपुर में विमल नेगी का पोस्टमार्टम 19 मार्च को संस्थान के फारेंसिक मेडिसिन एंड टोक्सिकोलाजी विभाग के दो डाक्टरों जूनियर रेजिडेंट डा. जसमीत जैन और असिस्टेंट प्रोफेसर डा. विपिन ने किया था।
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