जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप: भ्रष्टाचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का चैनल विकसित होगा

उन्होंने बताया कि गुरुग्राम में तीन दिन तक चली इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक अपराधियों से संपत्ति की रिकवरी, भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सूचना सांझा करने में सहयोग के चैनल विकसित करने, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए संस्थागत ढांचे और आपसी कानूनी सहायता से संबंधित कई प्रमुख बिंदुओं पर गहनता से विचार-विमर्श हुआ है। इस बैठक में यूएनओडीसी, ओईसीडी, एगमोंट ग्रुप, इंटरपोल व आईएमएफ आदि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने अपने प्रेजेंटेशन दिए।
उन्होंने बताया कि भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितिन गुप्ता, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा, केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल ने भी भारत की ओर से संबोधन दिया। बैठक के दौरान प्रतिनिधियों का यह प्रयास रहा कि वे उच्च स्तरीय सिद्धांतों के प्रारूप पर आम सहमति पर पहुंचें। जो कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 एसीडब्ल्यूजी के एजेंडे में प्रमुख रूप से शामिल है।
अतिरिक्त सचिव ने बताया कि इस बैठक में भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराधों से लडऩे के लिए सूचना साझा करने में सुधार, संपत्ति रिकवरी तंत्र को मजबूत करने, आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग को मजबूत करने पर उच्च स्तरीय सिद्धांतों को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने आगे कहा कि एसीडब्ल्यूजी के पहले दिन, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने पर एक साइड इवेंट का भी आयोजन हुआ। यह एक ऐसा आयोजन रहा जिसमें जीईएम पोर्टल और डीबीटी जैसी भारत की हालिया पहलों को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। इस आयोजन के दौरान, भारत के प्रमुख विशेषज्ञों ने प्रदर्शित किया कि कैसे भारत ने सार्वजनिक सेवा वितरण में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आईसीटी की शक्ति को अपनाया है।
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि गुरुग्राम में प्रतिनिधियों ने प्रवास के दौरान भारत और हरियाणा की समृद्ध संस्कृति व विरासत का दर्शन किया और पारंपरिक व्यंजनों का जायका लिया। भारत में एसीडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक 25 से 27 मई तक ऋषिकेश में और तीसरी बैठक 9 से 11 अगस्त तक कोलकाता में होगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और संबंधित आर्थिक अपराधों के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने, संपत्ति की रिकवरी और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को गति प्रदान करने के लिए भारत पहली एसीडब्ल्यूजी की मंत्रिस्तरीय बैठक की भी मेजबानी करेगा। वहीं जी-20 एसीडब्ल्यूजी के सह अध्यक्ष जियोवन्नी टार्टाग्लिया पोलसिनी ने जी-20 में भारत के एजेंडे के लिए इटली के समर्थन की फिर से पुष्टि की।
उन्होंने गुरुग्राम में पहले जी-20 एसीडब्ल्यूजी के आयोजन के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की। भ्रष्टाचार की बदलती प्रकृति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी ढंग से लडऩे के लिए आवश्यक बहु-हितधारक दृष्टिकोण के तहत नागरिकों, समाज और व्यावसायिक समुदाय के साथ जुडऩे की आवश्यकता है।
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