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घग्घर का बढ़ता जलस्तर: सांसद सैलजा ने सरकार पर उठाए सवाल, बाढ़ की आशंका

khaskhabar.com: मंगलवार, 03 जून 2025 2:49 PM (IST)
घग्घर का बढ़ता जलस्तर: सांसद सैलजा ने सरकार पर उठाए सवाल, बाढ़ की आशंका
सिरसा। सांसद कुमारी सैलजा ने सिरसा जिले में घग्घर नदी के बढ़ते जलस्तर और संभावित बाढ़ के खतरे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने मानसून से पहले न तो तटबंधों को मजबूत किया है और न ही नदी की पर्याप्त साफ-सफाई करवाई है, जिससे हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ का भयावह मंजर देखने को मिल सकता है।

कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि घग्घर नदी लगभग हर साल बरसात में बाढ़ का खतरा पैदा करती है, और कई बार तो इससे भयावह हालात बन चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2023 में फतेहाबाद और सिरसा में घग्घर नदी और रंगोई नाला के उफान से हुई भारी तबाही का उदाहरण दिया, जिसमें हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई थीं। उन्होंने आशंका जताई कि यदि भविष्य में संभावित बाढ़ से कोई नुकसान होता है, तो अधिकारी अपनी गलती मानने के बजाय 'चूहों द्वारा बिल बनाने से तटबंध टूटने' का बहाना बनाएंगे।
सांसद ने बताया कि घग्घर नदी हरियाणा में पंजाब सीमा से जाखल के पास प्रवेश करती है और फतेहाबाद जिले में लगभग 84 किलोमीटर तथा सिरसा जिले में 90 किलोमीटर की लंबाई में बहती है। बरसात के दिनों में इस नदी का जलस्तर बढ़ने से दोनों जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि घग्घर नदी की सफाई और तटबंधों की मजबूती के लिए हर साल बजट आता है, और विभाग को मानसून से पहले इन कार्यों को पूरा करना होता है, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है, जबकि नदी में पानी बढ़ना शुरू हो गया है।
कुमारी सैलजा ने जोर देकर कहा कि कमजोर तटबंधों के कारण घग्घर में जलस्तर बढ़ने पर वे टूट जाते हैं, जिससे फसलें तबाह हो जाती हैं और बाढ़ से हालात बिगड़ जाते हैं। इससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का होता है। उन्होंने घग्घर के साथ लगने वाले खैरंका, झोपड़ा, मुसाहिबवाला, रंगा, लहंगेवाला, पनिहारी, ढाणी दिलबाग सिंह, कर्मगढ़, नागौकी, फरवांई कलां, बूढ़ाभाणा, नेजाडेला कलां और ओटू जैसे दर्जनों गांवों में बाढ़ आने पर अधिक नुकसान की संभावना जताई।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन केवल बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए कमेटियां गठित करता है और कंट्रोल रूम बनाता है, जबकि मुख्य ध्यान तटबंधों को मजबूत करने और नदी की सफाई पर दिया जाना चाहिए ताकि संभावित खतरे को टाला जा सके।
कई बार तबाही मचा चुकी है घग्घर नदी:
कुमारी सैलजा ने याद दिलाया कि घग्घर नदी सिरसा जिले को पांच बार तबाही का मंजर दिखा चुकी है, जिसमें 1988, 1993, 1995, 2010 और 2023 की बाढ़ प्रमुख हैं। विशेष रूप से 1993 और 2010 की तबाही लोगों को अब भी याद है, जब 2010 में 70 से अधिक गांव और 33 हजार एकड़ से अधिक फसल तबाह हो गई थी। उन्होंने सरकार से इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की अपील की।
किसानों की समस्याओं पर स्पष्ट नीति की मांग:
रानियां हलके में हाल ही में किसानों और प्रशासन के बीच घग्घर नदी से निकलने वाली नहरों की पाइप हटाए जाने को लेकर उत्पन्न विवाद पर चिंता व्यक्त करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार के पास किसानों के हितों को लेकर कोई स्पष्ट और स्थायी नीति नहीं है।
उन्होंने कहा कि किसानों को घग्घर की नहरों से पानी मिलना उनका हक है, और इस व्यवस्था को बिना वैकल्पिक समाधान के तोड़ना अन्यायपूर्ण है। उन्होंने सरकार से किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने हेतु एक स्थायी नीति बनाने, नहरों की पाइप हटाने से पहले किसानों से संवाद करने और विकल्प प्रदान करने, तथा संभावित बाढ़ से पहले तटबंधों की तुरंत मरम्मत करवाने की मांग की।

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