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जिले के बाल वैज्ञानिक भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झालावाड़ का नाम रोशन करेंगे : जिला कलक्टर

’टेक्नोलॉजी और शिक्षा के संगम पर विस्तार से चर्चा’
अपने संबोधन में जिला कलक्टर ने टेक्नोलॉजी और शिक्षा के गहरे संबंध पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भविष्य की शिक्षा डिजिटल और इनोवेशन आधारित होगी, जहाँ तकनीक विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाएगी। उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों को सृजनात्मक सोच और प्रायोगिक शिक्षण पद्धति को अपनाने की सलाह दी।
’बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रणाली की नवाचारी शुरुआत’
मेले के शुभारंभ अवसर पर विद्यार्थियों के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की भी शुरुआत की गई। विद्यालय के प्रधानाचार्य गिरिराज मीणा ने बताया कि इस प्रणाली से अब विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज होते ही उनके अभिभावकों को मोबाइल पर संदेश प्राप्त होगा, जिससे उन्हें पता चलेगा कि उनका बच्चा स्कूल कब पहुँचा और कब घर के लिए रवाना हुआ। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों की सुरक्षा और अनुशासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
’भामाशाहों का हुआ सम्मान’
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय विकास में सहयोग देने वाले भामाशाहों एवं समाजसेवियों का सम्मान किया गया। जिला कलक्टर ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा के विकास में समाज की सक्रिय भागीदारी बेहद आवश्यक है।
’जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी रहे उपस्थित’
कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी श्रद्धा गोमे, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह मीणा, स्थानीय प्रशासक, जनप्रतिनिधि, शिक्षा विभाग के अधिकारी, भामाशाह एवं बड़ी संख्या में अभिभावकगण उपस्थित रहे। सभी ने बाल वैज्ञानिकों के उत्साह की प्रशंसा की और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन उप प्राचार्य प्रहलाद नागर ने किया।
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