चूरू के शायर खामोश को विशिष्ट साहित्यकार सम्मान

हिंदी साहित्य संसद के महामंत्री विजय कांत ने बताया कि अपनी अलहदा अंदाज के लिए और खूबसूरत शायरी के लिए देशभर में मशहूर बनवारी लाल खामोश उच्च कोटि के साहित्यकार हैं। साहित्य की विभिन्न विधाओं पर खामोश का समान आधिपत्य है। पद्य में जहां गीत हो, गजल हो या दोहे, वहीं गद्य में भी लघुकथा एवं आलेख आदि में खामोश का योगदान उल्लेखनीय है। सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद से आप 75 वर्ष पुरानी संस्था हिंदी साहित्य संसद के अध्यक्ष पद का दायित्व निभा रहे हैं। हिंदी साहित्य संसद ने अनेक उभरती प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने तथा उनके मार्गदर्शन का काम पूरी तन्मयता से किया है। हिंदी साहित्य संसद ने विशिष्ट साहित्यकार सम्मान के लिए राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष दुलाराम सहारण तथा निर्णायक मंडल का आभार व्यक्त किया है।
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