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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का जमावड़ा, बड़ी वारदात को दे सकते हैं अंजाम
रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सली सक्रिय होने लगे हैं और उनका जमावड़ा भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही यह सूचना भी मिल रही है कि वे कई स्थानों पर बदला लेने के लिए रणनीतिक मुहिम पर भी काम शुरू कर चुके हैं। नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता की मिल रही सूचना पर पुलिस भी सतर्क है। राज्य के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा, नारायणपुर सहित कई अन्य स्थानों पर फरवरी और मार्च के महीने में कई मेले और मड़ई का आयोजन होता है।
इन आयोजनों में हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। इन आयोजनों के मद्देनजर नक्सली अपने मंसूबे को अंजाम दे सकते हैं। साथ ही वे आयोजनों में आने वालों से अपनी योजना के तहत मेलजोल भी बढ़ाने की फिराक में हैं।। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में नक्सली एकत्र हो रहे हैं, वे मेले और मड़ई के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन भी शुरू कर दिया है। वहीं राज्य के सुदूर इलाकों में नक्सली कैंप भी लगा रहे हैं। हालांकि इसमें किसी नक्सली का नाम अभी सामने नहीं आया है। पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदर राज ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकार किया कि नक्सली आम तौर पर गर्मी के समय में पुलिस बल आदि पर हमला करने के मकसद से टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाते हैं। पुलिस इसे लेकर सतर्क रहती है।
फिलहाल इसे लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली है, फिर भी विभिन्न मेला आदि को ध्यान में रखकर पुलिस सतर्क और चौकस है। नारायणपुर में अबूझमाडिय़ा आदिवासियों का तीन दिवसीय मावली मेला बुधवार से शुरू हो चुका है। इसमें हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचते हैं। साथ ही जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल होते हैं। ऐसे में नक्सलियों के सक्रिय होने की सूचना ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।
यही कारण है कि सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि नक्सल गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर लोगों की आवाजाही और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, और सर्चिग और गश्त बढ़ा दी गई है। ज्ञात हो कि साल 2013 की गर्मी में ही यानी 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर झीरम घाटी क्षेत्र में हमला किया था।
इन आयोजनों में हजारों लोग हिस्सा लेते हैं। इन आयोजनों के मद्देनजर नक्सली अपने मंसूबे को अंजाम दे सकते हैं। साथ ही वे आयोजनों में आने वालों से अपनी योजना के तहत मेलजोल भी बढ़ाने की फिराक में हैं।। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि अलग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में नक्सली एकत्र हो रहे हैं, वे मेले और मड़ई के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन भी शुरू कर दिया है। वहीं राज्य के सुदूर इलाकों में नक्सली कैंप भी लगा रहे हैं। हालांकि इसमें किसी नक्सली का नाम अभी सामने नहीं आया है। पुलिस महानिरीक्षक पी. सुंदर राज ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकार किया कि नक्सली आम तौर पर गर्मी के समय में पुलिस बल आदि पर हमला करने के मकसद से टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाते हैं। पुलिस इसे लेकर सतर्क रहती है।
फिलहाल इसे लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली है, फिर भी विभिन्न मेला आदि को ध्यान में रखकर पुलिस सतर्क और चौकस है। नारायणपुर में अबूझमाडिय़ा आदिवासियों का तीन दिवसीय मावली मेला बुधवार से शुरू हो चुका है। इसमें हिस्सा लेने के लिए हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंचते हैं। साथ ही जनप्रतिनिधि भी इसमें शामिल होते हैं। ऐसे में नक्सलियों के सक्रिय होने की सूचना ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।
यही कारण है कि सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि नक्सल गतिविधियों की आशंका के मद्देनजर लोगों की आवाजाही और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, और सर्चिग और गश्त बढ़ा दी गई है। ज्ञात हो कि साल 2013 की गर्मी में ही यानी 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर झीरम घाटी क्षेत्र में हमला किया था।
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