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लाहौल स्पीति के प्रसिद्ध त्रिलोकीनाथ मंदिर में मनाई गई बुद्ध जयंती
इस मंदिर की विशेषता यह है कि दो धर्मों के लोग हिंदू एवं बौद्ध समुदाय अपनी-अपनी पूजा पद्धति के अनुसार यहां सदियों से आपसी भाईचारे को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। हिंदू धर्म के अनुयाई इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को भगवान शिव का रूप में मानते हैं। बुद्ध धर्म के लोग आर्य अवलोकितेश्वर के रूप में आस्था व्यक्त करते हैं। यह मंदिर शिखर शैली में है और लाहौल में इस शैली का यह इकलौता मंदिर है।
त्रिअंग योजना में निर्मित इस मंदिर के वर्गाकार गर्भगृह में संगमरमर की छह भुजाओं वाली सुंदर मूर्ति ललिताआसन में प्रतिष्ठित है। मूर्ति के ललाट बिंब पर एक छोटे आकार की प्रतिमा स्थापित है। जिसे बुद्ध धर्म के अनुयाई महात्मा बुद्ध के नाम से एवं हिंदू लोग अन्न धन के देवता के रूप में मानते हैं।
उपायुक्त राहुल कुमार ने लोगों को बुद्ध की जयंती की बधाई देते हुए कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आध्यात्मिक यात्रा में मार्गदर्शन करता है। उनके उपदेश व सिद्धांत हमें में भी अंगीकार करने चाहिए। इससे पूर्व लाहौल महाबोधि सभा के अध्यक्ष छेरिंग आंगयल ने उपायुक्त को टोपी शॉल एवं खतक पहनाकर स्वागत किया। मंदिर परिसर में स्थानीय वेशभूषा में सुसज्जित महिलाओं ने भी उपायुक्त राहुल कुमार का धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार स्वागत किया। उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक ने दीप प्रज्वलित कर शोभा यात्रा का शुभारंभ किया।
लाहौल यंग ड्रुपका एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील कुमार ने त्रिलोकनाथ मंदिर में बुद्ध जयंती के महत्त्व पर विचार प्रस्तुत किये। इसके बाद त्रिलोकनाथ से हिंसा गांव तक श्रद्धालुओं ने महात्मा बुद्ध की पालकी के साथ धार्मिक ग्रंथ पोथीओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लामाओ द्वारा धार्मिक अनुष्ठान के मुताबिक मंत्र उच्चारण करते हुए अहिंसा व शांति का भी संदेश दिया।
महिला मंडल त्रिलोकनाथ, हिंसा व उदयपुर की महिलाओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति पर उपायुक्त ने 5-5 हजार रुपए देने व लाहौल महाबोधि सभा के द्वारा बुद्ध जयंती के भव्य कार्यक्रम के लिए 10 हजार रुपए देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर एसडीएम केलांग रजनीश शर्मा, त्रिलोकनाथ मंदिर के कार दार वीरभादर , सुरेंद्र कुमार, प्यार सिंह व सौरभ और ग्राम पंचायत प्रधान त्रिलोकनाथ दिनेश कुमार, उदयपुर के लक्ष्मन ठाकुर सहित अन्य जन प्रतिनिधि और सम्मानित वरिष्ठ लामा भी मौजूद रहे।
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