भिवाड़ी साइबर थाना पुलिस ने किया साइबर ठगी का बड़ा खुलासा : 26 करोड़ का घोटाला, 2 गिरफ्तार

दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट के मामले में एक आरोपी पूर्व में हो चुका है गिरफ्तार
भिवाड़ी। जिले की साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो ठगों इमरान खान पुत्र जफर मोहम्मद निवासी वार्ड नंबर 35 हनुमानगढ़ एवं इमरान अली उर्फ विकास पुत्र अनवर अली निवासी विजयनगर अजमेर को गिरफ्तार किया है, जिनके बैंक खातों से करीब 26 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया है। यह कार्रवाई भिवाड़ी की पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी के निर्देश पर की गई है।
ये ठग ऑनलाइन निवेश (इन्वेस्टमेंट) के नाम पर लोगों को धोखा देते थे। वे खासकर शेयर बाजार में पैसा लगाने या ऑनलाइन गेम खेलने के नाम पर लोगों को फंसाते थे। ठग पहले वॉट्सऐप पर लोगों को मैसेज भेजते थे और फिर उन्हें ऐसे ग्रुप में जोड़ते थे, जहाँ नकली मैसेज और बातचीत होती थी। ये मैसेज दिखाते थे कि कैसे लोगों को उनके निवेश पर बड़ा मुनाफा हो रहा है। जब कोई व्यक्ति इन बातों पर यकीन कर लेता था, तो ठग उसके फोन में एक नकली ऐप डाउनलोड करवा देते थे। शुरुआत में वे कम पैसे का निवेश करवाते थे और दिखाते थे कि बहुत ज्यादा फायदा हो रहा है। इस जाल में फंसकर लोग और ज्यादा पैसे लगा देते थे और आखिर में अपनी सारी कमाई गँवा देते थे।
संजीव का मामला : 21 लाख की ठगी
ऐसा ही एक मामला 26 अप्रैल, 2025 को भिवाड़ी के यूआईटी कॉलोनी के रहने वाले संजीव ने दर्ज कराया। संजीव ने बताया कि उन्हें 1 मार्च, 2025 को एक वॉट्सऐप मैसेज आया, जिसमें "DHANI TRD" नाम की एक ऑनलाइन निवेश ऐप के बारे में बताया गया था। ठगों ने बताया कि अगर वे अर्जुन रमेश मेहता नाम के व्यक्ति को इस एप्लीकेशन के जरिए वोट करेंगे, तो कंपनी को 10 प्रतिशत का मुनाफा होगा। संजीव ने गूगल पर अर्जुन रमेश मेहता के बारे में सर्च किया तो उन्हें लगा कि वह कोई बड़ा व्यक्ति है जो चुनाव लड़ रहा है। इससे उन्हें ठगों पर भरोसा हो गया।
इसके बाद उन्हें एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें करीब 100 लोग थे। इस ग्रुप में लोग बार-बार दिखाते थे कि उन्हें कितना मुनाफा हो रहा है। इससे संजीव को उस ऐप पर और भरोसा हो गया। फिर उन्होंने "DHANI TRD" नाम की फर्जी ऐप अपने फोन में डाउनलोड कर ली। शुरुआत में उन्होंने कम पैसे लगाए और उन्हें बड़ा मुनाफा दिखाया गया। इस झांसे में आकर संजीव ने करीब 21 लाख रुपये का निवेश कर दिया और ठगी का शिकार हो गए।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के थानाधिकारी जयसिंह आरपीएस ने इस मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ये अपराधी बहुत शातिर हैं। उन्होंने जिस निवेश ऐप का इस्तेमाल किया था, उसका कोई सही प्रमाण नहीं था। पुलिस टीम ने तकनीकी मदद से इस फर्जी ऐप से जुड़ी एक नकली कंपनी का पता लगाया, जिसका नाम "Vc Construction (OPC Pvt Ltd Jaipur)" था।
जांच में पता चला कि इस कंपनी के करीब 10 बैंक खाते अलग-अलग बैंकों में चल रहे थे, जिनमें पिछले 6 महीनों में लगभग 26 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था। पुलिस ने पाया कि यह कंपनी विकास सैनी नाम के व्यक्ति के नाम पर नकली आधार कार्ड और पते से खोली गई थी।
दिल्ली में डिजिटल अरेस्ट के मामले में भी गिरफ्तार
गहन जांच के बाद पुलिस उस व्यक्ति तक पहुँची, जिसके पास विकास सैनी के नाम का फर्जी आधार कार्ड और अन्य नकली पहचान पत्र थे। पूछताछ में उसने अपना असली नाम इमरान अली उर्फ विकास निवासी विजयनगर हटाया। इमरान अली इससे पहले दिल्ली में 50 लाख रुपये की डिजिटल अरेस्ट के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है। उसके साथी का नाम इमरान खान निवासी हनुमानगढ़ बताया।
पुलिस टीम ने इन दोनों को जयपुर से गिरफ्तार किया और भिवाड़ी ले आई। उन्हें 6 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है और आगे की जांच चल रही है।
बरामद सामान
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से 9 लाख 11 हजार 800 रुपये नकद, 10 तोला सोने के गहने, हुंडई वरना कार 20 मोबाइल, 54 सिम कार्ड, 10 अलग-अलग बैंकों के एटीएम कार्ड, 2 नकदी गिनने की मशीन, 1 लेनोवो कंपनी का टैबलेट व 1 वाई-फाई राउटर (पोर्टेबल हॉटस्पॉट) बरामद किया है।
पुलिस टीम : यह सफल कार्रवाई भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल साहू की देखरेख और थानाधिकारी जयसिंह (आरपीएस) तथा साइबर क्राइम पुलिस थाना भिवाड़ी की टीम द्वारा की गई। इस टीम में कांस्टेबल संदीप (नंबर 818), खुशीराम (नंबर 435), और मुकेश (नंबर 282) ने विशेष भूमिका निभाई। टीम के अन्य सदस्य कांस्टेबल रजत (नंबर 684), रामकिशन (नंबर 364) और मंजीत (नंबर 862) भी शामिल थे।
यह मामला दिखाता है कि साइबर अपराधी कैसे नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगते हैं। ऑनलाइन निवेश करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए और किसी भी ऐप या योजना पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।
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