Bail rejected in illegal gravel transportation case, Bundi District Court said - Government should take strict steps to stop open looting-m.khaskhabar.com
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अवैध बजरी परिवहन मामले में जमानत खारिज, बूंदी जिला कोर्ट ने कहा-खुली लूट रोकने को कड़े कदम उठाए सरकार

khaskhabar.com : बुधवार, 14 फ़रवरी 2024 8:03 PM (IST)
अवैध बजरी परिवहन मामले में जमानत खारिज, बूंदी जिला कोर्ट ने कहा-खुली लूट रोकने को कड़े कदम उठाए सरकार
बूंदी। अवैध बजरी खनन औऱ परिवहन के मामले में बूंदी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने इस सामुदायिक संपदा की खुली लूट को रोकने के लिए राज्य सरकार से कड़े कदम उठाने को कहा है। इसी के साथ न्यायाधीश गुप्ता ने अवैध बजरी खनन औऱ परिवहन के मामले में डंपर ड्राइवर बुद्धिप्रकाश की जमानत याचिका खारिज कर दी।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने इस निर्णय की एक प्रति निदेशक खान एवं खनिज विभाग उदयपुर को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए भेजी है। साथ ही उम्मीद की है कि खान विभाग इस मामले में की गई कार्रवाई से 29 फरवरी, 2024 तक को कोर्ट को अवगत कराए। इतना ही नहीं खान एवं खनिज विभाग के प्रमुख शासन सचिव को भी एक प्रति भिजवाकर उनसे अपेक्षा की है कि वह पूरे मामले की प्रभावी मॉनीटरिंग करें।
प्रकरण के तथ्यों के मुताबिक 4 फरवरी, 2024 को बूंदी पुलिस ने नाकाबंदी एवं चैकिंग के दौरान शाम करीब 6 बजे माटूंदा नहर के पास एक डंपर को चैक किया तो उसमें अवैध खनिज भरी हुई थी। ड्राइवर बुद्धि प्रकाश के पास उस समय किसी तरह रवन्ना, लाइसेंस, टीपी आदि कोई दस्तावेज नहीं था। पूछताछ में उसने यह बजरी बनास नदी से भरकर लाना बताया। इस पर पुलिस ने डंपर को जब्त कर मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में ड्राइवर बुद्धि प्रकाश की मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई थी।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील दिनेश पारीक का कहना था कि मुल्जिम बुद्धि प्रकाश खान विभाग की ओऱ से जारी रॉयल्टी रवन्ना के आधार पर ही वैध तरीके से बजरी भरकर ला रहा था। लेकिन, रास्ते में डंपर खराब हो गया। इस दौरान पुलिस ने मनमाने ढंग से ट्रक को जब्त करके मुकदमा बना दिया। बचाव पक्ष की ओर से डंपर के पार्ट्स खरीद का बिल भी पेश किया गया।
वहीं विशेष लोक अभियोजक योगेश यादव औऱ खान विभाग की वरिष्ठ सर्वेयर प्रियंका सोनी ने कोर्ट को बताया कि जिस रवन्ना के आधार पर बजरी (खनिज) परिवहन करना बताया गया है। वह रवन्ना 3 फरवरी को शाम 9.41 बजे जारी किया गया है। इसके मुताबिक उक्त डंपर में 16.66 मीट्रिक टन खनिज (बजरी) 4 फरवरी को सुबह 9.40 बजे तक गंतव्य स्थान रामगंज मंडी कोटा पहुंच जानी चाहिए थी। जबकि इस डंपर को शाम 6 बजे जब्त किया गया है।
इस तरह जिस रवन्ना का आधार लिया जा रहा है, वह वैध नहीं रह गया था। अभियुक्त द्वारा डंपर में करीब 40 मीट्रिक टन बजरी का अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा था। सुनवाई के बाद लोक अभियोजक की दलीलों के आधार पर कोर्ट ने माना कि अवैध खनन से ना केवल राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
को्र्ट ने माना कि अखबारों खासकर मीडिया में आ रही खबरें दिल दहलाने वाली हैं। यह खान विभाग के अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। खबरों के मुताबिक टोंक और भीलवाड़ा जिले में बड़े स्तर पर बजरी का अवैध खनन हो रहा है। यह बूंदी जिले औऱ अन्य स्थानों से होकर अवैध रूप से परिवहन की जा रही है। इस कारोबार में लगे लोग आम लोगों को बहुत महंगी दरों पर बजरी बेचकर कालाधन जमा किया जा रहा है। इसलिए इस पर प्रभावी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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