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मेटल्स उत्पादन के साथ कला-संस्कृति के संरक्षण में भी सक्रिय हिन्दुस्तान जिंक

khaskhabar.com: शुक्रवार, 16 मई 2025 6:32 PM (IST)
मेटल्स उत्पादन के साथ कला-संस्कृति के संरक्षण में भी सक्रिय हिन्दुस्तान जिंक
उदयपुर। दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी, वेदांता समूह की हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड न केवल मेटल्स के उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि भारतीय कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को सहेजने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कंपनी समावेशी और सतत विकास की अपनी पहलों के तहत सदियों पुरानी कला रूपों को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने के लिए लगातार निवेश कर रही है।

हिन्दुस्तान जिंक, कारीगर नेटवर्क और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से अजमेर में एक ब्लॉक प्रिंटिंग इकाई चला रही है, जहाँ पारंपरिक तकनीकों में कुशल 18 महिलाओं को रोजगार मिला है। कंपनी ने अजरख प्रिंटिंग पहल भी शुरू की है, जो हेरिटेज टेक्सटाइल आर्ट को बढ़ावा दे रही है। इन प्रयासों से कंपनी के घरेलू कपड़ों के ब्रांड उपाया को प्रोत्साहन मिलता है, जो पारंपरिक शिल्प कौशल के संरक्षण और सस्टेनेबल आजीविका को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
सखी ब्लॉक प्रिंटिंग यूनिट की प्रशिक्षु शर्मिला बताती हैं कि अपनी पारंपरिक कला को जीवंत करना उनके लिए गर्व की बात है और इस पहल ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की है। इसके अतिरिक्त, हिन्दुस्तान जिंक प्रदर्शन कलाओं को बढ़ावा देने के लिए वेदांता उदयपुर वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल जैसे बड़े आयोजनों का समर्थन करती है। यह महोत्सव विभिन्न शैलियों के भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीतकारों का एक मंच है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ाता है और लुप्त होती संगीत परंपराओं को पुनर्जीवित करता है।
कला को समर्पित सृजन द स्पार्क संस्था भारतीय कला और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करती है, जबकि स्मृतियाँ, तबला वादक पंडित चतुर लाल को समर्पित एक पहल है, जो शास्त्रीय संगीत की विरासत को संरक्षित करने में सहायक है। कंपनी सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक और ग्राम रोड शो भी आयोजित करती है। 2021 से संचालित उठोरी अभियान के माध्यम से 180 स्कूलों के 11,000 से अधिक छात्रों को मासिक धर्म स्वच्छता, घरेलू हिंसा और बाल विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया गया है।
सखी पहल के तहत 200 गाँवों में 2,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 25,000 से अधिक ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाया गया है, जिससे नेतृत्व, उद्यमिता और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा मिला है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण, पेयजल, स्वच्छता, कौशल विकास, खेल और संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी पहलों के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक लगभग 4 हजार गाँवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रही है। कंपनी का मानना है कि व्यक्तिगत सशक्तिकरण से ही सामुदायिक परिवर्तन संभव है।

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