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अमरिया क्षेत्र में एक और किसान बना निवाला, मृतकों की संख्या 18 तक पहुंची
पीलीभीत। टाइगर प्रोजेक्ट बनने के बाद जंगल से बाहर आए वाघों ने ऐसा
आतंक मचाया है कि लोगों का जीना दूभर हो गया है। गुरुवार को एक और कृषक की
मौत का दुखद समाचार आ गया। वाघों के हमले से मरने वालों की संख्या अब 18
तक पहुंच गई है। बाघों पर वन विभाग का कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है। वन विभाग कोई
भी घटना पर गंभीर न होकर मात्र लकीर पीटने का काम करता है।
जहानाबाद और अमरिया क्षेत्र में 15 दिन से वाघों का आतंक है और अभी तक वैन
विभाग उसको पकड़ ही नहीं पाया है। ये इस जनपद के लिए एक बड़ी विडंबना है। डर
के कारण लोगों ने अपने घरों तथा किसानों ने अपने खेतों पर काम करना बंद कर दिया
है।
गुरुवार को तहसील अमरिया थाना जहानाबाद क्षेत्र के हिमकनपुर के पास बेरी खेडा निवासी किसान कुंबरसेन अपने खेत पर नराई कर रहा था। अचानक बाघ ने हमला कर दिया। बराबर वाले खेतों पर पहुंचे किसानों ने बाघ से उसको शोर शराबा कर बचाया, लेकिन तब तक कुबरसेन की जान जा चुकी थी। बन विभाग की टीम और जनपद के कुछ आला अधिकारियों की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। बाघों के हमले में मरने वाले किसानों की संख्या 18 हो चुकी है। वन विभाग अब तक बाघों पर काबू पाने व पकड़ने में असफल रहा है। तीन चार दिन से लगातार बाघ किसानों को अपना शिकार बना रहा है। शासन प्रशासन अभी भी कोई ठोस कदम कोई ऐसी रणनीति करने मे सफल नहीं हो पा रहा है। जिससे इन बाघों पर काबू पाया जा सके। इतना जरूर है कि इस मुद्दे पर राजनैतिक सियासत शुरू हो गई है। यहां के लिए टाइगर रिजर्व का तोहफा देने वाली तत्कालीन सपा सरकार के ही मंत्री हेमराज वर्मा के अंदर जनता का दर्द जग गया है। उन्होंने आज से अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ कर दिया है
गुरुवार को तहसील अमरिया थाना जहानाबाद क्षेत्र के हिमकनपुर के पास बेरी खेडा निवासी किसान कुंबरसेन अपने खेत पर नराई कर रहा था। अचानक बाघ ने हमला कर दिया। बराबर वाले खेतों पर पहुंचे किसानों ने बाघ से उसको शोर शराबा कर बचाया, लेकिन तब तक कुबरसेन की जान जा चुकी थी। बन विभाग की टीम और जनपद के कुछ आला अधिकारियों की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। बाघों के हमले में मरने वाले किसानों की संख्या 18 हो चुकी है। वन विभाग अब तक बाघों पर काबू पाने व पकड़ने में असफल रहा है। तीन चार दिन से लगातार बाघ किसानों को अपना शिकार बना रहा है। शासन प्रशासन अभी भी कोई ठोस कदम कोई ऐसी रणनीति करने मे सफल नहीं हो पा रहा है। जिससे इन बाघों पर काबू पाया जा सके। इतना जरूर है कि इस मुद्दे पर राजनैतिक सियासत शुरू हो गई है। यहां के लिए टाइगर रिजर्व का तोहफा देने वाली तत्कालीन सपा सरकार के ही मंत्री हेमराज वर्मा के अंदर जनता का दर्द जग गया है। उन्होंने आज से अनिश्चितकालीन अनशन प्रारंभ कर दिया है
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