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तिल चतुर्थी आज: करें तिल का दान, गणेश पूजा के साथ करें महालक्ष्मी का ध्यान

तिल चौथ पर गणेश जी को तिल-गुड़ के लड्डू का भोग लगाते हैं, इसके साथ तिल कुटा भी भोग में रखा जाता है। कई लोग तिल का चूरमा भी बनाते हैं। जो लोग तिल चतुर्थी का व्रत करते हैं, वे पूरे दिन निराहार रहते हैं, शाम को चंद्र दर्शन करके चंद्र देव की पूजा की जाती है।
चतुर्थी के योग में किए जा सकते हैं यह शुभ काम
महालक्ष्मी की पूजा
शुक्रवार को महालक्ष्मी और देवियों के अन्य स्वरूपों की पूजा करने की परंपरा है। महालक्ष्मी की पूजा भगवान विष्णु के साथ करनी चाहिए। लक्ष्मी-विष्णु का अभिषेक करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में जल-दूध भरें और भगवान को स्नान कराएं। इसके बाद हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र जप करें। तिल के लड्डू, मिठाई का भोग तुलसी के साथ लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
गौमाता को घास खिलाएँ, करें तिल दान
आज पूजा-पाठ और व्रत करने के साथ ही भोजन, वस्त्र, तिल, जूते-चप्पल, ऊनी वस्त्रों और धन का दान करना चाहिए। गौमाता को घास खिलाएं, किसी गौशाला में धन का दान करें। पक्षियों के लिए घर की छत पर अनाज और पानी रखें।
करें शिवजी का विशेष पूजन
शुक्र ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है, इसलिए आज शिव जी का विशेष पूजन करें। शिवलिंग पर जल, दूध चढ़ाएं। बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि से श्रृंगार करें। धूप-दीप जलाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। शुक्र ग्रह के मंत्र ऊँ शुक्राय नम: का भी जप करें। मंत्र जप कम से कम 108 बार करेंगे तो बहुत शुभ रहेगा।
नोट—यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित है। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खास खबर डॉट कॉम एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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