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ये है देश एकमात्र ऐसा गांव, जहां अनहोनी के भय से राखी नहीं बांधती बहनें
जगतपुरवा निवासी डुमरियाडीह ग्राम पंचायत की मुखिया ऊषा मिश्रा के पति सूर्यनारायण मिश्र के अलावा ग्रामीण सत्यनारायण मिश्र, सिद्घनारायन मिश्र, अयोध्या प्रसाद, दीप नारायण मिश्र, बाल गोविंद मिश्र, संतोष मिश्र, देवनारायण मिश्र, धुव्र नारायण मिश्रा और स्वामीनाथ मिश्र ने बताया कि बहनों ने जब कभी हमारे घरों में अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे, तब-तब इस गांव में अनहोनी हुई।
बकौल सूर्यनारायण मिश्रा वर्ष ने बताया कि आजादी के आठ साल बाद करीब 5 दशक पहले (1955) में रक्षाबंधन के दिन सुबह हमारे परिवार के पूर्वज में एक नौजवान की मौत हो गई थी। तब से इस गांव में बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधतीं हैं। एक दशक पूर्व रक्षाबंधन के दिन बहनों के आग्रह पर रक्षासूत्र बंधवाने का निर्णय लिया गया था, लेकर उस दिन भी कुछ अनहोनी हुई थी। इसके बाद ऐसा करने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। आज भी यही भय, बहनों को अपने भाइयों को कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से रोकती है।
सूर्य नारायण ने बताया कि रक्षा बंधन वाले दिन अगर इस कुल में कोई बच्चा जन्म लेगा, तभी त्यौहार मनाया जाएगा। इसका इंतजार करीब तीन पीढ़ियों से चल रहा है। अभी तक यह अवसर आया नहीं है।
बकौल सूर्यनारायण मिश्रा वर्ष ने बताया कि आजादी के आठ साल बाद करीब 5 दशक पहले (1955) में रक्षाबंधन के दिन सुबह हमारे परिवार के पूर्वज में एक नौजवान की मौत हो गई थी। तब से इस गांव में बहनें अपने भाईयों की कलाई पर रक्षासूत्र नहीं बांधतीं हैं। एक दशक पूर्व रक्षाबंधन के दिन बहनों के आग्रह पर रक्षासूत्र बंधवाने का निर्णय लिया गया था, लेकर उस दिन भी कुछ अनहोनी हुई थी। इसके बाद ऐसा करने की किसी की हिम्मत नहीं हुई। आज भी यही भय, बहनों को अपने भाइयों को कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से रोकती है।
सूर्य नारायण ने बताया कि रक्षा बंधन वाले दिन अगर इस कुल में कोई बच्चा जन्म लेगा, तभी त्यौहार मनाया जाएगा। इसका इंतजार करीब तीन पीढ़ियों से चल रहा है। अभी तक यह अवसर आया नहीं है।
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