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उदयपुर भट्ट मेवाड़ा समाज : शेरवानी में सजे 21 बटुकों की निकली बिंदोली

भट्टमेवाड़ा ब्राह्मण समाज के सामूहिक यज्ञोपवित के दूसरे दिन हुआ माताजी पूजन
उदपयुर। श्री लक्ष्मीनारायण भट्टमेवाड़ा समाज सामूहिक यज्ञोपवित आयोजन समिति की ओर से सामूहिक यज्ञोपवीत और मुंडन संस्कार के तहत शनिवार शाम को माताजी पूजन हुआ। इसके तहत निकाली गई शोभायात्रा में 21 घोडि़यों पर सज-धजकर बैठे बटुक हर किसी का मनमोह रहे थे। इस दौरान कई राह चलते लोगों ने रूककर बिंदोली देखी और समिति के प्रयास की सराहना की।
सामूहिक यज्ञोपवित और मुंडन संस्कार के दूसरे दिन शाम को सवीना िस्थत उदयपुर पैलस में समाजजनों के आने का क्रम शुरू हो गया। शाम छह बजे सभी बटुकों को ग्राउंड में मंच पर बिठाया गया। यहां परिजनों के साथ ही समाजजनों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद सभी बटुकों को घोडि़यों पर मुंडन संस्कार वाले बटुकों को बटुकों को बग्घी में बिठाया गया।
बिंदौली की शुरुआत समाज के आराध्य लक्ष्मीनारायण देव के साथ ही अन्य देवताओं के जयकारों से हुई। एक साथ 21 बटुक कार्यक्रम की भव्यता को दर्शा रहे थे। बैंड की धुनों पर बजते मंगल गीतों की धुन पर समाजजन थिरक रहे थे।
यह शोभायात्रा सौ फीट रोड से होते हुए रंगीला हनुमानजी मंदिर तक पहुंची। वहां सभी बटुकों और उनके परिजनों ने माताजी का पूजन किया। महिलाओं ने माताजी के भजनों पर घूमर नृत्य किया। इसके बाद बिंदोली पुन: उदयपुर पैलेस पहुंची।
उदपयुर। श्री लक्ष्मीनारायण भट्टमेवाड़ा समाज सामूहिक यज्ञोपवित आयोजन समिति की ओर से सामूहिक यज्ञोपवीत और मुंडन संस्कार के तहत शनिवार शाम को माताजी पूजन हुआ। इसके तहत निकाली गई शोभायात्रा में 21 घोडि़यों पर सज-धजकर बैठे बटुक हर किसी का मनमोह रहे थे। इस दौरान कई राह चलते लोगों ने रूककर बिंदोली देखी और समिति के प्रयास की सराहना की।
सामूहिक यज्ञोपवित और मुंडन संस्कार के दूसरे दिन शाम को सवीना िस्थत उदयपुर पैलस में समाजजनों के आने का क्रम शुरू हो गया। शाम छह बजे सभी बटुकों को ग्राउंड में मंच पर बिठाया गया। यहां परिजनों के साथ ही समाजजनों ने उन्हें आशीर्वाद दिया। इसके बाद सभी बटुकों को घोडि़यों पर मुंडन संस्कार वाले बटुकों को बटुकों को बग्घी में बिठाया गया।
बिंदौली की शुरुआत समाज के आराध्य लक्ष्मीनारायण देव के साथ ही अन्य देवताओं के जयकारों से हुई। एक साथ 21 बटुक कार्यक्रम की भव्यता को दर्शा रहे थे। बैंड की धुनों पर बजते मंगल गीतों की धुन पर समाजजन थिरक रहे थे।
यह शोभायात्रा सौ फीट रोड से होते हुए रंगीला हनुमानजी मंदिर तक पहुंची। वहां सभी बटुकों और उनके परिजनों ने माताजी का पूजन किया। महिलाओं ने माताजी के भजनों पर घूमर नृत्य किया। इसके बाद बिंदोली पुन: उदयपुर पैलेस पहुंची।
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