मौलवी को धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करने के आरोप में तीन गिरफ्तार

पीड़ित, शहर काजी का बेटा है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि यह घटना इस सप्ताह की शुरुआत में हुई जब 65 वर्षीय हबीबुर रहमान के बेटे हाफिज मुसीबुर रहमान (44) एक मस्जिद में 'नमाज़' अदा करने के बाद घर लौट रहे थे। मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उसे रोका और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
हाफिज ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने उन्हें पहले नहीं देखा था और ऐसा लगता है कि उन्होंने मेरी शक्ल के कारण मुझे निशाना बनाया। मैंने कुर्ता-पायजामा और टोपी पहन रखी थी। उन्होंने मुझे रोका, मेरी दाढ़ी खींची, मेरे गले में भगवा दुपट्टा लपेटा और मुझे नारे लगाने के लिए मजबूर किया।"
उन्होंने आगे कहा, "उनमें से एक ने पूरी हरकत अपने मोबाइल फोन कैद कर ली। उन्होंने पुलिस को मामले की सूचना देने पर मुझे जान से मारने की धमकी दी। मैं डर गया, घर भाग गया और किसी को नहीं बताया। मेरे परिवार को कुछ गलत लगा और आखिरकार मुझे उन्हें बताना पड़ा कि क्या हुआ था।" परिवार ने मामले की सूचना पुलिस को दी और मामला दर्ज किया गया।
एएसपी (बागपत) मनीष कुमार मिश्रा ने कहा, आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। राहुल चौहान, जितेंद्र शर्मा और नीरज कुमार के रूप में पहचाने गए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वे बागपत के मोहल्ला देशराज के रहने वाले हैं। पूछताछ के दौरान उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना के समय वे नशे में थे। आगे की जांच जारी है।"
(आईएएनएस)
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