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राज्य में बड़े स्तर पर विकसित हो रही भण्डारण क्षमता, अन्न की रूकेगी बर्बादी

khaskhabar.com: गुरुवार, 17 अप्रैल 2025 2:31 PM (IST)
राज्य में बड़े स्तर पर विकसित हो रही भण्डारण क्षमता, अन्न की रूकेगी बर्बादी
श्रीगंगानगर। अन्नदाता देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विषम परिस्थितियों में भी मेहनत कर वे हम सभी के लिए अन्न उपजाते हैं। लेकिन मौसम की बेरूखी और भण्डारण क्षमता के अभाव के चलते उनकी उपज बर्बाद हो जाती है। किसानों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए देश में जून 2023 में सहकार से समृद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना का शुभारम्भ हुआ। इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ पूर्ण रूप से राजस्थान के किसानों को मिले और उनकी उपज सुरक्षित रहे, इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में राज्य में विशेष प्रयास हो रहे हैं।

राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2024-25 में 500 मीट्रिक टन क्षमता के 100 नए गोदाम स्वीकृत किए। साथ ही, 50 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 मीट्रिक टन क्षमता के जीर्ण-शीर्ण गोदामों के पुनर्निर्माण का प्रावधान भी किया गया। राज्य सरकार ने 500 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों के निर्माण के लिए ग्राम सेवा सहकारी समितियों को 25-25 लाख रुपये का अनुदान दिया तथा जीर्ण-शीर्ण गोदामों के पुनर्निर्माण के लिए प्रति समिति 12 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। भण्डारण क्षमता विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में 31 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की। इस राशि से राज्य में 55 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता का सृजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ध्येय समृद्ध किसान, खुशहाल राजस्थान को साकार करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में भी 500 मीट्रिक टन क्षमता के 100 गोदामों के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये, 250 मीट्रिक टन के 50 गोदामों के निर्माण के लिए 8 करोड़ रुपये और 100 मीट्रिक टन क्षमता के जीर्ण-शीर्ण गोदामों के पुनर्निर्माण के लिए 12 करोड़ रुपये के अनुदान का प्रावधान किया है। इस राशि से वर्ष 2025-26 में 72 हजार 500 मीट्रिक टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता सृजित किए जाने का लक्ष्य है।
नये गोदामों के निर्माण से किसानों को कम दामों पर अपनी उपज बेचने की मजबूरी से मुक्ति मिलेगी। साथ ही, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पास पर्याप्त भण्डारण व्यवस्था उपलब्ध होने से अनाजों की ढ़ुलाई में आने वाली लागत भी कम होगी। वहीं, नये भण्डारणों के निर्माण से अनाज की बर्बादी रूकेगी और गोदामों के किराए से ग्राम सेवा सहकारी समितियों की आय भी बढ़ेगी। योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा शत-प्रतिशत अनुदान दिए जाने संबंधी पहल को देश भर में सराहा जा रहा है।

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