हरियाणा में सोनी समाज ने की स्वर्णकला बोर्ड के गठन की मांग

वह जींद में सोनी समाज के प्रबुद्ध नागरिकों की एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ जींद के जिला युवा प्रधान राजेन्द्र सोनी, मैढ क्षत्रिय सुनार धर्मशाला समिति रामराय के कार्यकारी प्रधान रविन्द्र आर्य सहित साधूराम, संजीव कुमार, विकास, सतीश, सुभाष वर्मा, शुभम और ताराचंद जैसे सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया।
सुरेन्द्र वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा स्वर्णकला बोर्ड के गठन के साथ ही, विभिन्न सरकारी बोर्डों, निगमों, आयोगों, सामान्य बॉडी, न्यायिक, शिक्षण व अन्य समकक्ष संस्थाओं में चेयरमैन, सदस्य, कोआर्डिनेटर, वाइस चांसलर या अन्य सम्मानित पदों पर सोनी समाज के निस्वार्थ भाव से काम करने वाले, साफ छवि वाले और सुयोग्य व्यक्तियों को ही अवसर दिए जाने चाहिए। उन्होंने 2026 से होने जा रहे परिसीमन में हरियाणा विधानसभा में सोनी समाज के लिए कम से कम दो सीटों का प्रावधान करने की भी मांग की है, जिसे उन्होंने सोनी समाज का हक बताया।
मैढ क्षत्रिय सुनार धर्मशाला समिति रामराय के पूर्व सचिव रहे सुरेन्द्र वर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि सोनी समाज भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समर्थन देता आया है, लेकिन अभी तक सरकार और भाजपा ने इस समाज की संख्या के हिसाब से उचित सुध नहीं ली है, जिससे समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री नायबसिंह सैनी के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से अपील की है कि वे सोनी समाज के हितों एवं अधिकारों पर ध्यान दें और उनकी आबादी के हिसाब से राज में भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होंने बताया कि हरियाणा में सोनी समाज की आबादी 5 लाख से अधिक है। सुरेन्द्र वर्मा ने सोनी समाज की सुरक्षा के दृष्टिगत शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाने और ज्वैलरी दुकानदारों के हित में चोरी प्रकरण की धारा बीएनएस 317(2) के नियमों में सरलीकरण की भी सरकार से मांग की है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने शिक्षा और रोजगार के लिए सोनी समाज के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मामूली ब्याज दर पर, बिना गारंटी के, सब्सिडी सहित कम से कम 10 लाख रुपये की ऋण सुविधा प्रदान करने की मांग की।
साथ ही, अल्पसंख्यकों की भांति छात्रवृत्तियां और सभी प्रकार के अन्य लाभ देने की भी मांग की गई है, ताकि वर्षों से उपेक्षित वंचित वर्ग सोनी समाज का उत्थान और कल्याण संभव हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीसी वर्ग में सोनी समाज के अलावा पांचाल समाज, रोहिल्ला समाज, सैन समाज और अन्य वंचित वर्गों को भी राज में उनकी संख्या के हिसाब से उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
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