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बच्चों, औरतों और बुज़ुर्गों की सुरक्षा के लिए पंजाब सरकार गंभीर: डॉ. बलजीत कौर

तरन तारन। सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर और कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने तरनतारन जिले के उसमां गांव में लगभग 5 करोड़ रुपए की लागत से 4 कनाल में बनने वाले सरकारी बाल घर का नींव पत्थर रखा।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार बच्चों, औरतों और बुज़ुर्गों की सुरक्षा के लिए गंभीर है। इसके लिए बहुपक्षीय प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए, बाल सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य 0 से 18 साल तक के जरूरतमंद बच्चों की सही देखभाल, सुरक्षा, विकास, इलाज और समाज में पुनर्वास करना है।
जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन एक्ट 2015 के अधीन राज्य में 07 सरकारी बाल घर चलाए जा रहे हैं। यह बाल घर बठिंडा, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, गुरदासपुर और होशियारपुर में स्थापित हैं। इन बाल घरों में अनाथ, बेसहारा और सुपुर्द किए गए बच्चों को रखने का प्रबंध है। इन बाल घरों में 238 बच्चे रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तरन तारन जिले में कोई भी सरकारी या ग़ैर-सरकारी बाल घर न होने के कारण सरकार द्वारा 50 की क्षमता वाला लडक़ों के लिए बाल घर का निर्माण किया जा रहा है। इस बाल घर में जरूरतमंद और बेसहारा बच्चों के रहन-सहन के लिए इमारत का निर्माण करने और अन्य ज़रूरी सुविधाओं के लिए लगभग 05 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें बच्चों के रहन-सहन, खाने-पीने, पढ़ाई, स्वास्थ्य सुविधाओं और सर्वांगीण विकास के लिए ज़रूरी सुविधाएँ मुफ़्त उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे कोई भी जरूरतमंद बच्चा सुरक्षा से वंचित न रहे।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों का शिकार अनाथ और बेसहारा बच्चों की सुरक्षित देखभाल के लिए बाल घर हमारे इलाके की बहुत समय पुरानी माँग थी। उन्होंने कहा कि इस बाल घर के बनने से इलाके के अनाथ और बेसहारा बच्चों को रहन-सहन, खाने- पीने और पढ़ाई आदि की मुफ़्त सुविधा मिलेगी, जिससे वह समाज में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।
इस बाल घर की दो मंजि़ला इमारत का निर्माण कर जल्द ही इलाके के लोगों के सुपुर्द किया जाएगा। बच्चों की 18 साल की उम्र तक का सारा ख़र्च सरकार द्वारा किया जाएगा और 18 साल के बाद बच्चे आत्मनिर्भर होकर समाज में अपना पुनर्वास करने के काबिल बन सकेंगे।
इसके उपरांत कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर और स. लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा आंगनवाड़ी वर्करों की समस्याएँ सुनी गईं। सरकार द्वारा उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर करवाए गए संक्षिप्त समागम के दौरान माताओं और नवजात बच्चों को पोषण किटें और बेबी सूट भी बाँटे गए।
इस दौरान हलका विधायक तरन तारन डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, चेयरमैन नगर सुधार ट्रस्ट तरन तारन स. रजिन्दर सिंह उसमां, स. चरणजीत सिंह ज्वाइंट डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, एसडीएम तरन तारन रजनीश अरोड़ा और जि़ला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार बच्चों, औरतों और बुज़ुर्गों की सुरक्षा के लिए गंभीर है। इसके लिए बहुपक्षीय प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए, बाल सुरक्षा योजना चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य 0 से 18 साल तक के जरूरतमंद बच्चों की सही देखभाल, सुरक्षा, विकास, इलाज और समाज में पुनर्वास करना है।
जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन एक्ट 2015 के अधीन राज्य में 07 सरकारी बाल घर चलाए जा रहे हैं। यह बाल घर बठिंडा, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, गुरदासपुर और होशियारपुर में स्थापित हैं। इन बाल घरों में अनाथ, बेसहारा और सुपुर्द किए गए बच्चों को रखने का प्रबंध है। इन बाल घरों में 238 बच्चे रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तरन तारन जिले में कोई भी सरकारी या ग़ैर-सरकारी बाल घर न होने के कारण सरकार द्वारा 50 की क्षमता वाला लडक़ों के लिए बाल घर का निर्माण किया जा रहा है। इस बाल घर में जरूरतमंद और बेसहारा बच्चों के रहन-सहन के लिए इमारत का निर्माण करने और अन्य ज़रूरी सुविधाओं के लिए लगभग 05 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसमें बच्चों के रहन-सहन, खाने-पीने, पढ़ाई, स्वास्थ्य सुविधाओं और सर्वांगीण विकास के लिए ज़रूरी सुविधाएँ मुफ़्त उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे कोई भी जरूरतमंद बच्चा सुरक्षा से वंचित न रहे।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों का शिकार अनाथ और बेसहारा बच्चों की सुरक्षित देखभाल के लिए बाल घर हमारे इलाके की बहुत समय पुरानी माँग थी। उन्होंने कहा कि इस बाल घर के बनने से इलाके के अनाथ और बेसहारा बच्चों को रहन-सहन, खाने- पीने और पढ़ाई आदि की मुफ़्त सुविधा मिलेगी, जिससे वह समाज में अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।
इस बाल घर की दो मंजि़ला इमारत का निर्माण कर जल्द ही इलाके के लोगों के सुपुर्द किया जाएगा। बच्चों की 18 साल की उम्र तक का सारा ख़र्च सरकार द्वारा किया जाएगा और 18 साल के बाद बच्चे आत्मनिर्भर होकर समाज में अपना पुनर्वास करने के काबिल बन सकेंगे।
इसके उपरांत कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर और स. लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा आंगनवाड़ी वर्करों की समस्याएँ सुनी गईं। सरकार द्वारा उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर करवाए गए संक्षिप्त समागम के दौरान माताओं और नवजात बच्चों को पोषण किटें और बेबी सूट भी बाँटे गए।
इस दौरान हलका विधायक तरन तारन डॉ. कश्मीर सिंह सोहल, चेयरमैन नगर सुधार ट्रस्ट तरन तारन स. रजिन्दर सिंह उसमां, स. चरणजीत सिंह ज्वाइंट डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग, एसडीएम तरन तारन रजनीश अरोड़ा और जि़ला बाल सुरक्षा अधिकारी राजेश कुमार के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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