जस्टिस यशवंत वर्मा का इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए वकील

आज सुबह से हाईकोर्ट के गेट नंबर 3 पर वकील जमा होने लगे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वकीलों की मांग है कि जस्टिस वर्मा का तबादला तुरंत रोका जाए।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी डिमांड पूरी नहीं हो जाती। उनका आरोप है कि एक ऐसे जज को, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इलाहाबाद भेजकर सम्मानित किया जा रहा है।
विक्रांत पांडेय ने कहा, "यह संदेश दिया जा रहा है कि दिल्ली ज्यादा साफ-सुथरी जगह है, और वहां ऐसे लोग नहीं रह सकते, लेकिन इलाहाबाद में इसे स्वीकार कर लिया गया। यह हमें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। अगर न्यायपालिका की शुद्धता पर कोई दाग लगेगा, तो हम इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे।"
वहीं, एक अन्य अधिवक्ता दिनेश यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा, "इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई प्रयोगशाला नहीं है, जहां किसी के साथ प्रयोग किया जाए। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और यहां के लोग न्याय व्यवस्था से उच्च उम्मीदें रखते हैं। हम यह नहीं होने देंगे कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस तरह के फैसलों का गवाह बने।"
उन्होंने कहा कि वकीलों के विरोध का यह मुद्दा केवल एक जज के तबादले तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और स्वच्छता पर उठते सवालों को भी लेकर है। इस कदम से न्यायपालिका की छवि खराब होती है।
--आईएएनएस
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