Jagadguru Shankaracharya of Shringeri Math was overwhelmed by the unprecedented welcome at Gorakshadhara-m.khaskhabar.com
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Mar 17, 2025 10:13 am
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गोरक्षधरा पर अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत दिखे श्रृंगेरी मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य

khaskhabar.com : मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025 10:26 PM (IST)
गोरक्षधरा पर अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत दिखे श्रृंगेरी मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य
गोरखपुर। श्रृंगेरी मठ (शारदा पीठ) के जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीश्री भारती तीर्थ महासन्निधानम के मंगलमय आशीर्वाद और दिव्य आदेश से जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम मंगलवार शाम को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। उनका मंदिर आगमन पर शंख ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दिव्य अभिनंदन किया गया।


इसके पहले शंकराचार्य जी की विजय यात्रा का सहजनवा स्थित जनपद की सीमा से गोरखनाथ मंदिर तक फूल बरसाकर भव्य स्वागत किया गया। शंकराचार्य जी, गोरक्षधरा पर हुए इस अभूतपूर्व स्वागत से अभिभूत नजर आए।

जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम जी की विजय यात्रा (11 से 13 फरवरी) मंगलवार को अयोध्या धाम से प्रारंभ हुई। शाम करीब पांच बजे गोरखपुर जनपद की सीमा (जीरो प्वाइंट) में यात्रा के प्रवेश करते ही श्री गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के 51 वेदपाठी छात्रों ने आचार्य डॉ. रंगनाथ के नेतृत्व में शंखध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार और मंगलाचरण के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य जी का अभिनंदन किया।

इसके बाद सहजनवा में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने शंकराचार्य जी का फूल मालाओं से भव्य स्वागत किया। सहजनवा से लेकर गोरखनाथ मंदिर तक जगह-जगह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने देश के शीर्षस्थ धर्माचार्यों में सम्मिलित जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम जी का अभूतपूर्व अभिनंदन किया। शंकराचार्य जी के अभिनंदन और अभिवादन का दृश्य हर स्वागत स्थल पर नयनाभिराम रहा। स्वागत के लिए बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने उन पर फूल बरसाए तो कलाकारों ने भजन सरिता बहाई। उनके स्वागत का रूट होर्डिंग्स से पटा पड़ा था।

गोरखनाथ मंदिर पहुंचते ही परिसर में जगद्गुरु शंकराचार्य का मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने उनकी अगवानी की। इसके बाद श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के वेदपाठी विद्यार्थियों ने शंखध्वनि के बीच मंत्रोच्चार कर शंकराचार्य जी का अभिनंदन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जगद्गुरु शंकराचार्य विधुशेखर भारती सन्निधानम मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में पधारे। यहां श्रीगोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने सपत्नीक शंकराचार्य जी की चरण पादुका का विधि-विधान से पूजन किया और आरती उतारी।

इसके बाद शंकराचार्य जी ने महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन में स्थापित देवी-देवताओं, संतों, महापुरुषों, मूर्तियों और चित्रों और उनके सम्मुख लिखित विचारों का अवलोकन किया। भवन की दीवारों पर उल्लिखित गोरखवाणी के पदों को गहनता से आलोकित करते तथा उन्हें पढ़ते हुए शंकराचार्य जी काफी भाव विभोर दिखे।
--आईएएनएस

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