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गंगा-जमुना संस्कृति:नाजिम के लाए फूलों से सजते हैं 'अयोध्या के भगवान'
नाजिम ने बताया कि हम 20-25 सालों से गेंदा और गुलाब की खेती करते
हैं। हनुमानगढ़ी में पहले मेरे अब्बा फूल देते थे। मैंने जब से होश संभाला
है, तब से देख रहा हूं कि हनुमानगढ़ी, रामलला, नागेश्वरनाथ सहित अयोध्या
के अन्य मंदिरों में भी हमारे ही लाए फूल चढ़ाए जाते हैं।
फूलों की खेती करने वाले नाजिम ने कहा, "मेरी बीवी के हाथों गुंथी माला भगवान के गले में डाले जाते हैं। मेरी बीवी भी शादी के बाद से ही हमारे इस काम में बराबर की भागीदारी करती है। हम दोनों पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन अपने बच्चों पढ़ाई का हमने पूरा इंतजाम किया है।"
उन्होंने बताया कि दिसंबर में तैयार होने वाली फूलों की 50 कलियों की बंडल बनाकर इसे गोंडा, अयोध्या, लखनऊ में बेच दिया जाता है। यह फूल देश के अन्य स्थानों- जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब और हरियाणा तक ले जाए जाते हैं।
फूलों की खेती करने वाले नाजिम ने कहा, "मेरी बीवी के हाथों गुंथी माला भगवान के गले में डाले जाते हैं। मेरी बीवी भी शादी के बाद से ही हमारे इस काम में बराबर की भागीदारी करती है। हम दोनों पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन अपने बच्चों पढ़ाई का हमने पूरा इंतजाम किया है।"
उन्होंने बताया कि दिसंबर में तैयार होने वाली फूलों की 50 कलियों की बंडल बनाकर इसे गोंडा, अयोध्या, लखनऊ में बेच दिया जाता है। यह फूल देश के अन्य स्थानों- जैसे दिल्ली, मुंबई, पंजाब और हरियाणा तक ले जाए जाते हैं।
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