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सीएम सुक्खू ने विस में रखी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, प्रति व्यक्ति आय 2,01,271 से बढ़कर हुई 2,22,227 रुपए

शिमला। हिमाचल की अर्थव्यवस्था कोरोना काल के बाद रिकवर हुई है। साल भर में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। गुरुवार को विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखी। सुक्खू ने रिपोर्ट में बताया कि इकोनॉमिक सर्वे में स्थिर भावों पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 8143 करोड़ बढ़कर 1,34,576 करोड़ हो गया है। प्रचलित भागों पर राज्य की जीडीपी 1,95,404 करोड़ रुपए हो गई है। इसके साथ ही राज्य में प्रति व्यक्ति आय 2,01,271 रुपए से बढ़कर 2,22,227 रुपए हो गई है। यह राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 रुपए अधिक है। राज्य की जीडीपी में कृषि और संबंधित क्षेत्रों का योगदान बढ़कर 24,847 करोड हो गया है। यह पिछले साल से 2 फ़ीसदी अधिक है।
आगे औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 79,284 करोड का रहने की उम्मीद है। इसमें खनन क्षेत्र भी शामिल है। उद्योग क्षेत्र का योगदान 7.1 फ़ीसदी बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र भी अब रिकवर हो रहा है। पिछले 2 साल में कोरोना के कारण आई पर्यटकों की कमी के बाद वर्ष 2022 में एक करोड़ 51 लाख पर्यटक हिमाचल आए हैं, जिससे राजस्व बढ़ेगा। महंगाई की बात करें तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर के थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 फ़ीसदी से गिरकर 5.0 फ़ीसदी हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया है। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है। यानी महंगाई दर को नियंत्रित बताया गया है।
आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि हिमाचल प्रदेश में महिलाएं अखिल भारतीय स्तर पर और पड़ोसी राज्यों की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। यह प्रतिशत 50.5 फ़ीसदी के आसपास है। जहां तक बेरोजगारी की बात है तो सभी पड़ोसी राज्य और अखिल भारतीय स्तर की मुकाबले हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम 4 फ़ीसदी दर्ज की गई है। यह दर अखिल भारतीय स्तर पर 4.1 फ़ीसदी, उत्तराखंड 7.8 फीसदी, पंजाब 6.4 फीसदी और हरियाणा में 9.0 फीसदी रही है। अब राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को बजट पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पहला बजट होगा।
आगे औद्योगिक क्षेत्र का योगदान 79,284 करोड का रहने की उम्मीद है। इसमें खनन क्षेत्र भी शामिल है। उद्योग क्षेत्र का योगदान 7.1 फ़ीसदी बढ़ने की उम्मीद है। हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र भी अब रिकवर हो रहा है। पिछले 2 साल में कोरोना के कारण आई पर्यटकों की कमी के बाद वर्ष 2022 में एक करोड़ 51 लाख पर्यटक हिमाचल आए हैं, जिससे राजस्व बढ़ेगा। महंगाई की बात करें तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर के थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 फ़ीसदी से गिरकर 5.0 फ़ीसदी हो गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया है। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है। यानी महंगाई दर को नियंत्रित बताया गया है।
आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि हिमाचल प्रदेश में महिलाएं अखिल भारतीय स्तर पर और पड़ोसी राज्यों की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। यह प्रतिशत 50.5 फ़ीसदी के आसपास है। जहां तक बेरोजगारी की बात है तो सभी पड़ोसी राज्य और अखिल भारतीय स्तर की मुकाबले हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम 4 फ़ीसदी दर्ज की गई है। यह दर अखिल भारतीय स्तर पर 4.1 फ़ीसदी, उत्तराखंड 7.8 फीसदी, पंजाब 6.4 फीसदी और हरियाणा में 9.0 फीसदी रही है। अब राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को बजट पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पहला बजट होगा।
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