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पैसे नहीं थे तो बेटे ने घर में ही दफन कर दिया पिता का शव

बठिंडा। गरीबी की मार झेल रहा एक लाचार पुत्र अपने बीमार पिता का उपचार नहीं करवा पाया और पिता की मौत होने पर आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण शव का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका। संस्कार के लिए उसने लोगों से पैसे तक मांगे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की तो पुत्र ने घर में ही गड्ढा खोदकर पिता का शव दफन कर दिया। छह दिन बाद जब कुत्तों ने घर में घुसकर जमीन से शव को निकालकर नोंच डाला तो दुर्गंध आने पर लोगों को पता चला। इस पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची थाना मौड़ पुलिस ने शव को जमीन से निकाला। छह दिन जमीन में दबा होने के कारण शव बुरी तरह से सड़ गल गया था।
गांव मौड़ कलां का सुरजीत सिंह (75) करीब 15 साल पहले पंजाब होमगार्ड से रिटायर्ड हो गया था। बेटी की शादी के बाद पत्नी का देहांत होने पर सुरजीत अपने 17 साल के बेटे मोहन लाल के साथ गांव मौड़ कलां में किराये के मकान में रहने लगा। नाबालिग बेटा एक स्पिनिंग मिल में काम करता था, लेकिन उसका काम कुछ समय पहले छूट गया था। आर्थिक हालात इतने खराब थे कि सुरजीत की बीमारी का इलाज न होने पर वह बढ़ती गई। हालात यह हो गए कि बेटा खुद गुरुद्वारा में खाना खाता और पिता के लिए खाना ले आता। इलाज के अभाव में सुरजीत सिंह ने छह दिन पहले दम तोड़ दिया। अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने पर मजबूरी में बेटे ने घर में ही गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया।
थाना मौड़ के एसएचओ भाटी ने बताया कि जिस मकान में पिता-पुत्र रहते थे वह भी खस्ताहाल है। गुरुवार सुबह बेटा काम से बाहर गया तो दरवाजा खुला रहा गया। इसी बीच कुत्ते अंदर घुस गए और शव के सिर को जमीन से बाहर निकालकर नोंच दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गांव मौड़ कलां का सुरजीत सिंह (75) करीब 15 साल पहले पंजाब होमगार्ड से रिटायर्ड हो गया था। बेटी की शादी के बाद पत्नी का देहांत होने पर सुरजीत अपने 17 साल के बेटे मोहन लाल के साथ गांव मौड़ कलां में किराये के मकान में रहने लगा। नाबालिग बेटा एक स्पिनिंग मिल में काम करता था, लेकिन उसका काम कुछ समय पहले छूट गया था। आर्थिक हालात इतने खराब थे कि सुरजीत की बीमारी का इलाज न होने पर वह बढ़ती गई। हालात यह हो गए कि बेटा खुद गुरुद्वारा में खाना खाता और पिता के लिए खाना ले आता। इलाज के अभाव में सुरजीत सिंह ने छह दिन पहले दम तोड़ दिया। अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने पर मजबूरी में बेटे ने घर में ही गड्ढा खोदकर शव को दफना दिया।
थाना मौड़ के एसएचओ भाटी ने बताया कि जिस मकान में पिता-पुत्र रहते थे वह भी खस्ताहाल है। गुरुवार सुबह बेटा काम से बाहर गया तो दरवाजा खुला रहा गया। इसी बीच कुत्ते अंदर घुस गए और शव के सिर को जमीन से बाहर निकालकर नोंच दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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