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उत्तराखंड के व्यापारी की हत्या का मंसूबा नाकाम; आतंकवादीअर्श डल्ला गैंग के दो मेंबर काबू

बठिंडा। पंजाब को अपराध मुक्त बनाने की मुहिम के तहत पंजाब पुलिस ने नामज़द-आतंकवादी अर्श डल्ला और गैंगस्टर सुखा दुन्नेके के साथ जुड़े दो गैंग सदस्यों को गिरफ़्तार करके उत्तराखंड में सुनियोजित हत्या (टारगेट कीलिंग) का मंसूबा नाकाम कर दिया है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान शिमला सिंह निवासी गाँव गरांघना, ज़िला मानसा और हरजीत सिंह उर्फ गोरा निवासी गाँव भडोलियांवाली, ज़िला फतेहाबाद हरियाणा के तौर पर हुई है। पुलिस टीमों ने तीन पिस्तौलें .32 बोर, .315 बोर का देसी कट्टा, जिंदा कारतूस और मैगज़ीन सहित एक 12 बोर का देसी कट्टा बरामद किया है। इसके साथ ही 1.90 लाख रुपए की नकदी भी बरामद की है। जो कि सुनियोजित हत्या के लिए मुहैया करवाई गई थी।
डीजीपी यादव ने बताया कि विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर काउन्टर इंटेलिजेंस ने बठिंडा ज़िला पुलिस के साथ मिलकर गाँव जस्सी पौवाली में नाका लगाया। जब शिमला सिंह अपने दोस्त को मिलने जा रहा था तो उसे गिरफ़्तार कर लिया। एआईजी सिमरतपाल सिंह ने बताया कि शिमला सिंह ने खुलासा किया कि अर्श डल्ला ने उसे काशीपुर के व्यापारी को मारने के लिए कहा था। उसे लॉजिस्टिक सहायता के लिए अपने साथी साधु सिंह जो इस समय हलद्वानी जेल में बंद है, को मिलने के लिए कहा था।
अर्श डल्ला ने इस सुनियोजित हत्या को अंजाम देने के लिए 7 लाख रुपए शिमला सिंह को दो किश्तों-4 लाख और 3 लाख रुपए भेजे थे। एआईजी ने बताया कि दोषी शिमला सिंह ने सुखा दुन्नेके के कहने पर अज्ञात व्यक्ति को 4 लाख रुपए दिए थे और इस कत्ल को अंजाम देने के लिए छह हथियारों का प्रबंध करने के लिए हरजीत सिंह उर्फ गोरा को 3 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद पुलिस टीमों ने हरियाणा पुलिस की मदद से हरजीत गोरा को उसके गाँव से गिरफ़्तार कर लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि इस सम्बन्धी पूछताछ जारी है और अन्य बरामदगियों की भी उम्मीद है। इस सम्बन्धी एफआईआर हथियार एक्ट की धारा 25(6), (7) / 54/ 59 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के अंतर्गत थाना सदर बठिंडा में मुकदमा दर्ज की गई है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान शिमला सिंह निवासी गाँव गरांघना, ज़िला मानसा और हरजीत सिंह उर्फ गोरा निवासी गाँव भडोलियांवाली, ज़िला फतेहाबाद हरियाणा के तौर पर हुई है। पुलिस टीमों ने तीन पिस्तौलें .32 बोर, .315 बोर का देसी कट्टा, जिंदा कारतूस और मैगज़ीन सहित एक 12 बोर का देसी कट्टा बरामद किया है। इसके साथ ही 1.90 लाख रुपए की नकदी भी बरामद की है। जो कि सुनियोजित हत्या के लिए मुहैया करवाई गई थी।
डीजीपी यादव ने बताया कि विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर काउन्टर इंटेलिजेंस ने बठिंडा ज़िला पुलिस के साथ मिलकर गाँव जस्सी पौवाली में नाका लगाया। जब शिमला सिंह अपने दोस्त को मिलने जा रहा था तो उसे गिरफ़्तार कर लिया। एआईजी सिमरतपाल सिंह ने बताया कि शिमला सिंह ने खुलासा किया कि अर्श डल्ला ने उसे काशीपुर के व्यापारी को मारने के लिए कहा था। उसे लॉजिस्टिक सहायता के लिए अपने साथी साधु सिंह जो इस समय हलद्वानी जेल में बंद है, को मिलने के लिए कहा था।
अर्श डल्ला ने इस सुनियोजित हत्या को अंजाम देने के लिए 7 लाख रुपए शिमला सिंह को दो किश्तों-4 लाख और 3 लाख रुपए भेजे थे। एआईजी ने बताया कि दोषी शिमला सिंह ने सुखा दुन्नेके के कहने पर अज्ञात व्यक्ति को 4 लाख रुपए दिए थे और इस कत्ल को अंजाम देने के लिए छह हथियारों का प्रबंध करने के लिए हरजीत सिंह उर्फ गोरा को 3 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद पुलिस टीमों ने हरियाणा पुलिस की मदद से हरजीत गोरा को उसके गाँव से गिरफ़्तार कर लिया है।
उन्होंने आगे कहा कि इस सम्बन्धी पूछताछ जारी है और अन्य बरामदगियों की भी उम्मीद है। इस सम्बन्धी एफआईआर हथियार एक्ट की धारा 25(6), (7) / 54/ 59 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी के अंतर्गत थाना सदर बठिंडा में मुकदमा दर्ज की गई है।
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